इंडोनेशिया के लेवोटोबी लाकी-लाकी ज्वालामुखी में हाल ही में हुए विस्फोट ने राख के गुबार को लगभग 18 किलोमीटर (11 मील) की ऊंचाई तक पहुंचा दिया है, जिससे वायुमंडल में भारी मात्रा में राख फैल गई है। इस महत्वपूर्ण घटना के कारण अधिकारियों ने चेतावनी जारी की है और ज्वालामुखी के अलर्ट स्तर को उच्चतम स्तर पर बढ़ा दिया है। इस विस्फोट के परिणामस्वरूप, बोरौ, केवा और वाटोबौ सहित कई गांवों को खाली कराया गया है। निवासियों को गिरती राख और मलबे के कारण ज्वालामुखी के तत्काल आसपास के क्षेत्र से दूर रहने की सलाह दी गई है। सौभाग्य से, अब तक किसी भी हताहत की सूचना नहीं मिली है, लेकिन अधिकारियों ने लोगों को खतरे वाले क्षेत्र से बाहर निकलने का आग्रह किया है।
अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों पर भी इसका असर पड़ा है, जिसमें एयर न्यूजीलैंड, वर्जिन और क्वांटस जैसी कई एयरलाइनों ने अपनी सेवाएं निलंबित कर दी हैं। फ्लोरेस द्वीप, जो एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, की यात्रा भी प्रभावित हुई है, और कई पर्यटक गतिविधियों को रद्द कर दिया गया है।
यह ध्यान देने योग्य है कि लेवोटोबी लाकी-लाकी का यह विस्फोट कोई अकेली घटना नहीं है। नवंबर 2024 में एक बड़े विस्फोट में नौ लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे। इसके अलावा, जुलाई 2025 में, एक विस्फोट ने 18 किलोमीटर (11 मील) ऊँचा राख का स्तंभ उत्पन्न किया था, जिसके कारण बाली के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 24 उड़ानें रद्द करनी पड़ी थीं। ज्वालामुखी की गतिविधि 2023 के अंत से जारी है, जिसमें नवंबर 2024 में हुई तीव्र गतिविधि ने घातक ज्वालामुखी मलबे के प्रवाह को जन्म दिया और परिदृश्य को राख से ढक दिया।
वर्तमान में, ज्वालामुखी का अलर्ट स्तर IV (खतरा) पर है, जो इंडोनेशिया के चार-स्तरीय पैमाने पर उच्चतम स्तर है। अधिकारियों ने निवासियों और पर्यटकों को ज्वालामुखी के क्रेटर से 6 किलोमीटर और दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व दिशा में 7 किलोमीटर के क्षेत्र से दूर रहने की चेतावनी दी है। यह घटना हमें याद दिलाती है कि प्रकृति की शक्तियां अप्रत्याशित हो सकती हैं, और इन घटनाओं से उत्पन्न होने वाली चुनौतियां हमें अपनी सुरक्षा और अपने आसपास के वातावरण के प्रति अधिक जागरूक होने का अवसर प्रदान करती हैं। ऐसी परिस्थितियों में, शांत रहना, स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन करना और गलत सूचनाओं से बचना महत्वपूर्ण है।