2025 में हाल ही में हुए शोध से पता चला है कि कूबड़ वाली व्हेल के बछड़े देने के क्षेत्र पहले की तुलना में बहुत अधिक दक्षिण की ओर बढ़ गए हैं। तस्मानिया और न्यूजीलैंड के दक्षिणी भाग में नवजात कूबड़ वाली व्हेल देखी गई हैं, जो इस लंबे समय से चली आ रही धारणा को चुनौती देती हैं कि ये व्हेल केवल गर्म, उष्णकटिबंधीय पानी जैसे ग्रेट बैरियर रीफ में ही बच्चे देती हैं।
प्रमुख खोजें
मई 2025 में फ्रंटियर्स इन मरीन साइंस में प्रकाशित एक अध्ययन में क्वींसलैंड से तस्मानिया और न्यूजीलैंड के दक्षिण द्वीप तक फैले क्षेत्रों में नवजात कूबड़ वाली व्हेल के 200 से अधिक देखे जाने की घटनाओं को दर्ज किया गया। शोधकर्ताओं ने इन बछड़ों को उनके मुड़े हुए पृष्ठीय पंखों और हल्के भूरे या सफेद रंग से पहचाना। यह कूबड़ वाली व्हेल के प्रवास और प्रजनन पैटर्न में एक महत्वपूर्ण बदलाव का सुझाव देता है।
संभावित स्पष्टीकरण
वैज्ञानिक इस बदलाव के कई कारणों का पता लगा रहे हैं, जिसमें निगरानी प्रयासों में वृद्धि और जलवायु परिवर्तन से संभावित प्रभाव शामिल हैं। आगे दक्षिण में गर्म पानी अब बछड़े देने के लिए उपयुक्त वातावरण प्रदान कर सकता है। दक्षिण-पूर्वी ऑस्ट्रेलिया और तस्मानिया के तट पर समुद्र की सतह के बढ़ते तापमान इन पैटर्न को प्रभावित कर सकते हैं।
संरक्षण निहितार्थ
बछड़े देने के क्षेत्रों का विस्तार इन नए पहचाने गए क्षेत्रों में माताओं और बछड़ों की बेहतर सुरक्षा की आवश्यकता को उजागर करता है। जहाजों की आवाजाही जैसी बढ़ी हुई मानवीय गतिविधियाँ, जहाजों से टकराने और उलझने के जोखिम सहित खतरे पैदा करती हैं। इन कमजोर व्हेल की सुरक्षा सुनिश्चित करने और बातचीत को कम करने के लिए पोत की गति पर प्रतिबंध और मार्ग परिवर्तन महत्वपूर्ण हैं।