वैज्ञानिकों ने अर्जेंटीना के पैटागोनिया के चोरोल्लो फ़ॉर्मेशन में एक महत्वपूर्ण जीवाश्म खोज की है। लगभग 70 मिलियन वर्ष पूर्व, लेट क्रेटेशियस काल के दौरान रहने वाली एक नई प्रागैतिहासिक मगरमच्छ प्रजाति, *कोस्टेनसुचस एट्रॉक्स* के जीवाश्मों का अनावरण किया गया है। यह शक्तिशाली शिकारी लगभग 3.5 मीटर (11.5 फीट) लंबा था और इसका वज़न लगभग 250 किलोग्राम (550 पाउंड) था।
इस प्रजाति का नाम पैटागोनिया की तेज़ हवाओं (कोस्टेन) और मिस्र के मगरमच्छ-सिर वाले देवता सोबेक (सुचस) के नाम पर रखा गया है, जिसमें 'एट्रॉक्स' का अर्थ 'भयंकर' है, जो इसकी दुर्जेय प्रकृति को दर्शाता है। यह खोज इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह चोरोल्लो फ़ॉर्मेशन में पाया गया पहला मगरमच्छ जीवाश्म है और यह अपने प्रकार के सबसे पूर्ण नमूनों में से एक है।
शोधकर्ताओं का मानना है कि *के. एट्रॉक्स* अपने पारिस्थितिकी तंत्र में एक शीर्ष शिकारी था, जो संभवतः *इसैसिसोरस सैंटक्रुसिस* जैसे मध्यम आकार के शाकाहारी डायनासोरों का शिकार करता था। यह पैटागोनिया के उस समय के वातावरण के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान करता है, जो एक गर्म, मौसमी रूप से आर्द्र परिदृश्य था जिसमें नदियाँ, लैगून और वनस्पति थी। इस क्षेत्र में डायनासोर, कछुए, मेंढक और शुरुआती स्तनधारी जैसे विभिन्न प्रकार के जीव भी पाए गए हैं।
*कोस्टेनसुचस एट्रॉक्स* की शारीरिक बनावट, जिसमें एक चौड़ा, शक्तिशाली जबड़ा और बड़े, दांतेदार दांत शामिल हैं, यह दर्शाता है कि यह सक्रिय शिकार के लिए अनुकूलित था। आधुनिक मगरमच्छों के विपरीत, यह प्रजाति अधिक स्थलीय जीवन शैली जीती थी, जो आज के मगरमच्छों की तुलना में अधिक ज़मीन पर सक्रिय थी। यह खोज दक्षिण अमेरिका में क्रेटेशियस काल के दौरान मगरमच्छों की विविधता और पारिस्थितिक भूमिका पर प्रकाश डालती है, जो उस समय के स्थलीय पारिस्थितिक तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थे।
वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि यह खोज महाद्वीपों के बीच जैविक संबंधों को समझने में मदद करेगी और पैटागोनियाई तलछटों में नई प्रजातियों की खोज जारी रहेगी। यह खोज जीवाश्म विज्ञान में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के महत्व और भविष्य के वैज्ञानिक अन्वेषण के लिए इन स्थलों की सुरक्षा की आवश्यकता को रेखांकित करती है। पैटागोनिया, अपने समृद्ध जीवाश्म रिकॉर्ड के साथ, पृथ्वी के इतिहास को समझने के लिए एक अमूल्य खिड़की प्रदान करता है, जो हमें उन अद्भुत जीवों की झलक दिखाता है जिन्होंने लाखों साल पहले इस भूमि पर विचरण किया था।