अंटार्कटिक स्नो पेट्रेल: जलवायु परिवर्तन के प्रभावों की समीक्षा

द्वारा संपादित: Anna 🌎 Krasko

अंटार्कटिक स्नो पेट्रेल (Pagodroma nivea) अंटार्कटिका का एक अद्वितीय समुद्री पक्षी है, जो मुख्य रूप से समुद्री बर्फ पर निर्भर रहता है। जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्री बर्फ की मात्रा में कमी और चरम मौसम की घटनाओं में वृद्धि ने इस प्रजाति की प्रजनन सफलता और अस्तित्व को प्रभावित किया है।

2021-2022 के प्रजनन मौसम में, अंटार्कटिक पेट्रेल और स्नो पेट्रेल की प्रजनन दर में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई। विशेषकर, स्वार्थामारेन और जुतुलसेन जैसे प्रमुख प्रजनन स्थलों पर इन पक्षियों की प्रजनन सफलता लगभग शून्य रही। यह स्थिति अत्यधिक बर्फ़ीली तूफ़ानों के कारण उत्पन्न हुई, जो जलवायु परिवर्तन से संबंधित हैं। इन तूफ़ानों ने बर्फ़ की परतों को बढ़ा दिया, जिससे प्रजनन स्थलों की उपलब्धता कम हो गई और प्रजनन में विफलता हुई।

इसके अतिरिक्त, समुद्री बर्फ की बढ़ी हुई सांद्रता ने स्नो पेट्रेल के बच्चों की वृद्धि दर और जीवित रहने की दर को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। अध्ययन से पता चला है कि समुद्री बर्फ की अधिकता से बच्चों की शारीरिक स्थिति में गिरावट आई है, जो उनकी जीवित रहने की संभावना को कम करता है।

इन परिवर्तनों के परिणामस्वरूप, स्नो पेट्रेल की आबादी पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ सकते हैं, जो अंटार्कटिक पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन को प्रभावित कर सकते हैं। जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को समझना और इन पक्षियों के संरक्षण के लिए प्रभावी उपायों को लागू करना आवश्यक है।

स्रोतों

  • Madhyamam

  • FactCheck Editor: Multilingual Text Editor with End-to-End fact-checking

  • FactCheck Editor: Multilingual Text Editor with End-to-End fact-checking | AI Research Paper Details

  • Enhancing Factual Accuracy in AI Writing Tools

क्या आपने कोई गलती या अशुद्धि पाई?

हम जल्द ही आपकी टिप्पणियों पर विचार करेंगे।

अंटार्कटिक स्नो पेट्रेल: जलवायु परिवर्तन क... | Gaya One