नई दिल्ली: 19 अगस्त, 2025 को भारतीय शेयर बाज़ारों ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में सुधार की उम्मीदों और एक मजबूत आर्थिक दृष्टिकोण के कारण महत्वपूर्ण बढ़त दर्ज की। बीएसई सेंसेक्स 676 अंक चढ़कर 81,274 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 50 में लगभग 1% की वृद्धि हुई और यह 24,877 पर पहुंच गया। यह उछाल विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक मजबूती का संकेत देता है, जिसमें ऑटोमोबाइल, उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं और रियल एस्टेट जैसे क्षेत्रों ने 2% से 4% तक की वृद्धि के साथ बाज़ार को आगे बढ़ाया। धातु, एफएमसीजी, दूरसंचार और निजी बैंकिंग क्षेत्रों ने भी सकारात्मक योगदान दिया।
इस सकारात्मक माहौल के बीच, भारतीय रुपया भी अमेरिकी डॉलर के मुकाबले मजबूत हुआ, जो इक्विटी में निवेश प्रवाह और सुधारों के प्रति सकारात्मक भावना से प्रेरित था। कमोडिटी बाज़ार में, सोने की कीमतों में नरमी देखी गई, जो लगभग दो सप्ताह के निचले स्तर ₹99,860 प्रति 10 ग्राम पर आ गईं। वहीं, सितंबर डिलीवरी के लिए चांदी वायदा में लगभग ₹201 की वृद्धि हुई और यह ₹1,14,144 प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। यह दिन भारतीय बाज़ारों के लिए एक सकारात्मक प्रवृत्ति का गवाह बना, जिसमें इक्विटी और रुपया दोनों ने मजबूती दिखाई।
विश्लेषकों के अनुसार, सरकार द्वारा जीएसटी व्यवस्था में सुधारों की योजना बाज़ार की भावना को बढ़ावा दे रही है। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स का मानना है कि जीएसटी के सरलीकरण से लंबी अवधि में भारत के राजकोषीय राजस्व में वृद्धि हो सकती है, क्योंकि इससे अनुपालन आसान होगा और लेखांकन प्रक्रियाएं अधिक पारदर्शी होंगी। हालांकि, कुछ रिपोर्टों के अनुसार, जीएसटी दरों में संभावित कमी से अल्पावधि में राजकोषीय घाटा थोड़ा बढ़ सकता है, लेकिन इसके दीर्घकालिक विकास लाभ इस कमी को पूरा करने की उम्मीद है।
भारत की अर्थव्यवस्था ने वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद उल्लेखनीय लचीलापन दिखाया है, और 6.5% की वृद्धि दर के साथ, यह अपने प्रतिस्पर्धी देशों से आगे बना हुआ है। जून 2025 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति दर घटकर 2.10% हो गई, जो जनवरी 2019 के बाद सबसे कम है, जिससे उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति और समग्र भावना को बढ़ावा मिला है। यह आर्थिक मजबूती, जीएसटी सुधारों की उम्मीदों के साथ मिलकर, भारतीय इक्विटी बाज़ारों के लिए एक सकारात्मक दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है।