1 अक्टूबर, 2025 को, वैश्विक क्रिप्टोकरेंसी बाज़ार का कुल पूंजीकरण लगभग 3.88 ट्रिलियन डॉलर रहा, जो पिछले 24 घंटों में मामूली गिरावट दर्शाता है। जो बाज़ार में व्यापक मंदी का संकेत देता है। हालांकि, सितंबर का महीना क्रिप्टो बाज़ार के लिए औसतन 2.7% की सकारात्मक बढ़त के साथ समाप्त होने की उम्मीद है।
बिटकॉइन ने इस महीने में विशेष रूप से मजबूती दिखाई है, जो लगभग 114,429 डॉलर पर कारोबार कर रहा है। बिटकॉइन की यह दृढ़ता ऐसे समय में आई है जब ऑल्टकॉइन बाज़ार, बिटकॉइन को छोड़कर, महीने के लिए केवल 0.7% की मामूली वृद्धि दर्ज कर सका है। यह अंतर निवेशकों के बीच बिटकॉइन को एक सुरक्षित आश्रय के रूप में देखने की प्रवृत्ति को उजागर करता है, खासकर जब बाज़ार में अनिश्चितता का माहौल हो। हाल के हफ्तों में ऑल्टकॉइन सीज़न इंडेक्स में 77 से गिरकर 58 अंक तक की गिरावट इसी ओर इशारा करती है, जो निवेशकों के ऑल्टकॉइन से दूर बिटकॉइन की ओर जाने का संकेत है।
पारंपरिक बाज़ारों में मिश्रित संकेत देखे गए। जहाँ S&P 500 और Nasdaq में मामूली बढ़त दर्ज की गई, वहीं सोने ने अपनी चमक बरकरार रखी। सोना 3,822 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था, जो पिछले वर्ष की तुलना में 30% की उल्लेखनीय वृद्धि है। यह वृद्धि मुद्रास्फीति की चिंताओं, टैरिफ नीतियों और मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक तनावों के कारण तेल की कीमतों पर पड़ने वाले प्रभाव से प्रेरित है।
विश्लेषकों का मानना है कि बिटकॉइन, विशेष रूप से बाज़ार के तनाव के समय में, 'डिजिटल गोल्ड' की तरह काम कर रहा है, जबकि ऑल्टकॉइन में गिरावट देखी जा रही है। तकनीकी दृष्टिकोण से, बिटकॉइन में एक 'गोल्डन क्रॉस' (EMA50 का EMA200 के ऊपर जाना) का निर्माण देखा गया है, जो मध्यम अवधि में एक मजबूत ऊपर की ओर रुझान का संकेत देता है। हालांकि, हाल के मोमेंटम इंडिकेटर्स में आई मंदी अल्पकालिक सुधार की संभावना की ओर इशारा करती है। बिटफिनेक्स के विश्लेषकों का मानना है कि बिटकॉइन एक 'कूलिंग फेज' में प्रवेश कर रहा है जो भविष्य में एक विस्फोटक वृद्धि का कारण बन सकता है।
सितंबर का महीना क्रिप्टो बाज़ार के लिए ऐतिहासिक रूप से एक चुनौतीपूर्ण अवधि रही है, जिसे अक्सर 'रेड सितंबर' कहा जाता है, हालांकि, 2025 में बिटकॉइन का प्रदर्शन इस ऐतिहासिक प्रवृत्ति से अलग रहा है, जो इसकी बढ़ती परिपक्वता और व्यापक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच एक सुरक्षित संपत्ति के रूप में इसकी भूमिका को दर्शाता है। जैसे-जैसे हम चौथे तिमाही में प्रवेश कर रहे हैं, ऐतिहासिक डेटा बताता है कि एक सकारात्मक सितंबर अक्सर मजबूत तिमाही रिटर्न का अग्रदूत होता है, जिसमें अक्टूबर एक प्रमुख उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता है। यह बाज़ार की गतिशीलता निवेशकों को सतर्क रहने और व्यापक आर्थिक रुझानों के साथ-साथ तकनीकी संकेतकों पर भी नज़र रखने के लिए प्रेरित करती है।