अक्टूबर 2025 के शुरुआती सप्ताह में, बिटकॉइन (BTC) के उत्पादकों, यानी माइनर्स, द्वारा दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज, बिनांस (Binance), की ओर एक अभूतपूर्व पूंजी प्रवाह देखा गया। यह घटनाक्रम बाजार की गतिशीलता को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत के रूप में सामने आया है, जो सतह के नीचे चल रहे गहरे परिवर्तनों को दर्शाता है। इस अवधि के दौरान, माइनर्स ने कुल मिलाकर 51,000 बीटीसी को स्थानांतरित किया, जिसका मूल्य 5.7 बिलियन डॉलर से अधिक था। यह गतिविधि 9 अक्टूबर 2025 से शुरू हुई, और 11 अक्टूबर 2025 को एक ही दिन में 14,000 बीटीसी से अधिक जमा होने के साथ चरम पर पहुंच गई। यह बहिर्वाह जुलाई 2025 के बाद से सबसे बड़ी एकल-सप्ताह की माइनर निकासी थी।
यह गतिविधि तब हुई जब बिटकॉइन की कीमत लगभग $110,000 के आसपास कारोबार कर रही थी, जो 6 अक्टूबर को दर्ज किए गए $126,250 के सर्वकालिक उच्च स्तर से एक मामूली गिरावट थी। 17 अक्टूबर 2025 तक, बीटीसी का मूल्य $107,423 पर स्थिर हुआ। इस तरह के बड़े पैमाने पर हस्तांतरण को पारंपरिक रूप से बाजार में बिकवाली या हेजिंग की तैयारी का संकेत माना जाता है, जिससे अल्पकालिक मूल्य दबाव बन सकता है। क्रिप्टोक्वांट (CryptoQuant) जैसी फर्मों ने भी इस व्यवहार को होल्डिंग से बेचने की रणनीति में संभावित बदलाव के रूप में रेखांकित किया है। हालांकि, बाजार ने इस संभावित आपूर्ति वृद्धि के बावजूद उल्लेखनीय लचीलापन दिखाया है, जो संस्थागत मांग की शक्तिशाली संतुलनकारी शक्ति को दर्शाता है।
यह घटनाक्रम एक बड़े संदर्भ में हो रहा है जहां संस्थागत भागीदारी अभूतपूर्व ऊंचाइयों पर है। खोज परिणामों से पता चलता है कि 2025 में संस्थागत भूख इतनी बढ़ गई है कि 8 अक्टूबर तक, वैश्विक बिटकॉइन ईटीपी (ETPs) और सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनियों ने कुल 944,330 बीटीसी खरीदे हैं, जो 2024 में खरीदे गए कुल बिटकॉइन की आपूर्ति से सात गुना अधिक है। यह मजबूत संस्थागत अवशोषण ही वह कारण है जिसने माइनर्स द्वारा लाई गई आपूर्ति को प्रभावी ढंग से अवशोषित कर लिया, जिससे कीमत में बड़ी गिरावट नहीं आई। इसके अतिरिक्त, यह भी ध्यान देने योग्य है कि माइनर्स द्वारा एक्सचेंज में सिक्के जमा करने का मतलब हमेशा तत्काल बिक्री नहीं होता है; यह संपार्श्विक (collateral) के रूप में उपयोग या परिचालन आवश्यकताओं के लिए भी हो सकता है।
माइनर्स के व्यवहार में यह बदलाव खनन क्षेत्र के भीतर बढ़ते परिचालन दबाव को भी उजागर करता है। पोस्ट-हाल्विंग के बाद बढ़ी हुई नेटवर्क कठिनाई और लेनदेन शुल्क में गिरावट के कारण लाभप्रदता कम हो गई है। जब अल्पकालिक रिटर्न कम दिखाई देते हैं, तो होल्ड करने के बजाय लाभ कमाना या लागत को कवर करना अधिक विवेकपूर्ण लगता है। यह बाजार की धारणा में एक सूक्ष्म बदलाव को दर्शाता है, जहां उत्पादक अब भविष्य की कीमतों पर पूरी तरह से निर्भर रहने के बजाय वर्तमान तरलता को प्राथमिकता दे रहे हैं। संक्षेप में, 51,000 बीटीसी का यह विशाल हस्तांतरण अल्पकालिक बाजार की अस्थिरता की संभावना को दर्शाता है, लेकिन यह संस्थागत पूंजी की निरंतर और गहरी जड़ें जमा चुकी मांग को भी उजागर करता है।