क्रिप्टोकरेंसी बाजार में एक महत्वपूर्ण बदलाव देखा जा रहा है, जहाँ बिटकॉइन का प्रभुत्व कम हो रहा है और इथेरियम (Ethereum) और सोलाना (Solana) जैसे ऑल्टकॉइन्स निवेशकों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। 3 सितंबर, 2025 तक, बिटकॉइन का बाजार प्रभुत्व घटकर 55% रह गया है, जो पहले 62% के शिखर पर था। यह गिरावट दर्शाती है कि निवेशकों का पैसा बिटकॉइन से निकलकर वैकल्पिक क्रिप्टोकरेंसी में जा रहा है।
ऐतिहासिक रूप से, जब बिटकॉइन का प्रभुत्व कम होता है, तो ऑल्टकॉइन्स में तेजी देखी जाती है। 2021 की शुरुआत में भी ऐसा ही हुआ था, जब बिटकॉइन का प्रभुत्व 74% से घटकर 40% हो गया था, जिसके परिणामस्वरूप ऑल्टकॉइन्स में भारी उछाल आया था। वर्तमान रुझान भी कुछ इसी तरह के संकेत दे रहे हैं। इथेरियम की कीमत 4,466.00 डॉलर और सोलाना की कीमत 208.00 डॉलर तक पहुंच गई है, जो इन ऑल्टकॉइन्स में बढ़ती निवेशक रुचि को दर्शाती है। 'OTHERS' इंडेक्स, जो प्रमुख ऑल्टकॉइन्स और स्टेबलकॉइन्स को छोड़कर अन्य सभी ऑल्टकॉइन्स के संयुक्त बाजार पूंजीकरण को ट्रैक करता है, में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह रुझान संस्थागत निवेशकों की बढ़ती भागीदारी से भी प्रेरित है। हाल के महीनों में, संस्थागत निवेशकों ने क्रिप्टोकरेंसी में भारी निवेश किया है, जिसमें बिटकॉइन ईटीएफ (ETFs) में महत्वपूर्ण प्रवाह शामिल है। हालांकि, अब यह देखा जा रहा है कि यह संस्थागत पूंजी बिटकॉइन से हटकर इथेरियम और अन्य ऑल्टकॉइन्स में भी निवेशित हो रही है। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, संस्थागत निवेशकों ने इथेरियम ईटीएफ में 3.95 बिलियन डॉलर का निवेश किया है।
इस बाजार में एक महत्वपूर्ण सवाल यह भी है कि क्या यह ऑल्टकॉइन्स की ओर यह बदलाव वास्तविक स्पॉट बाजार की मांग से प्रेरित है या यह डेरिवेटिव्स (derivatives) से उत्पन्न गति का परिणाम है। निवेशकों को इस बदलते परिदृश्य में सतर्क रहने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इसमें अवसर और जोखिम दोनों शामिल हैं। बिटकॉइन की कीमत 3 सितंबर, 2025 को 112,266.22 डॉलर थी। हालांकि, ऑल्टकॉइन्स में यह पूंजी का प्रवाह बाजार की गतिशीलता को बदल रहा है और भविष्य में क्रिप्टोकरेंसी बाजार के विकास की दिशा तय कर सकता है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या यह रुझान जारी रहता है और ऑल्टकॉइन्स बाजार में अपनी जगह और मजबूत करते हैं।