हाल के अध्ययनों में दीर्घायु और समग्र स्वास्थ्य का अनुमान लगाने में सरल शारीरिक परीक्षणों के महत्व पर प्रकाश डाला गया है। ये परीक्षण, जिन्हें घर पर आसानी से किया जा सकता है, किसी व्यक्ति की शारीरिक स्थिति और संभावित जीवनकाल में बहुमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं।
यूरोपियन जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि सिट-टू-स्टैंड टेस्ट (एसआरटी) मृत्यु दर के जोखिम का अनुमान लगा सकता है। जो प्रतिभागी बिना सहायता के परीक्षण करने में सक्षम थे, उनमें दस वर्षों के भीतर मृत्यु का जोखिम छह गुना कम था।
प्लस वन में प्रकाशित एक अन्य अध्ययन से पता चला कि एक व्यक्ति जितनी देर तक एक पैर पर खड़ा रह सकता है, वह उम्र के साथ घटती जाती है। यह परीक्षण दर्शाता है कि शरीर की प्रणालियाँ एक साथ कितनी अच्छी तरह काम करती हैं, जो समग्र स्वास्थ्य का संकेत देती है। बुजुर्गों को यह टेस्ट करने में सावधानी बरतनी चाहिए।
इन परीक्षणों के लिए किसी विशेष उपकरण की आवश्यकता नहीं होती है और इन्हें आसानी से नियमित स्वास्थ्य दिनचर्या में शामिल किया जा सकता है। वे सुलभ स्वास्थ्य आकलन के रूप में काम करते हैं, जो संभावित स्वास्थ्य समस्याओं की शुरुआती चेतावनी प्रदान करते हैं।
सिट-टू-स्टैंड टेस्ट और सिंगल-लेग स्टेंस टेस्ट शारीरिक फिटनेस और दीर्घायु के सरल लेकिन प्रभावी संकेतक हैं। इन परीक्षणों के माध्यम से नियमित निगरानी व्यक्तियों को सक्रिय रूप से अपने स्वास्थ्य का प्रबंधन करने और संभावित रूप से अपने जीवनकाल को बढ़ाने में मदद कर सकती है। स्वस्थ रहें, खुश रहें!