कुत्तों में अलगाव की चिंता एक आम समस्या है, जो तब उत्पन्न होती है जब कोई कुत्ता अकेला रहने या अपने मालिक से दूर रहने पर तनाव महसूस करता है। यह तनाव न केवल कुत्ते के समग्र कल्याण को प्रभावित करता है, बल्कि घर के माहौल को भी बाधित कर सकता है। यह समझना महत्वपूर्ण है कि किसी भी उम्र का कुत्ता इस चिंता से पीड़ित हो सकता है, और यह अक्सर जीवन में बड़े बदलावों के बाद प्रकट होता है, जैसे कि घर बदलना या परिवार में किसी नए सदस्य का आगमन।
अलगाव की चिंता के सामान्य लक्षणों में अत्यधिक भौंकना, विनाशकारी व्यवहार (जैसे फर्नीचर चबाना), और घर के अंदर ही मल-मूत्र त्याग करना शामिल हैं। कुछ कुत्ते भागने की कोशिश भी कर सकते हैं, जिससे वे खुद को चोट पहुँचा सकते हैं, या अत्यधिक लार टपका सकते हैं। ये संकेत बताते हैं कि आपका कुत्ता अकेलापन महसूस कर रहा है और उसे आपके साथ की आवश्यकता है।
अपने कुत्ते की मदद करने के लिए, धीरे-धीरे उसे अकेले रहने की आदत डालना महत्वपूर्ण है। छोटी अवधि से शुरुआत करें और समय के साथ इसे धीरे-धीरे बढ़ाएं। अकेले रहने के समय को सकारात्मक बनाने के लिए, उसे ऐसे विशेष खिलौने दें जिनमें ट्रीट भरी हों, ताकि उसका ध्यान बँटा रहे और वह व्यस्त रहे। एक नियमित दिनचर्या, जिसमें सैर, भोजन और खेलने का समय शामिल हो, कुत्ते को सुरक्षित महसूस करने में मदद करती है।
जब आप घर से निकलें या वापस आएं, तो अपने विदाई और अभिवादन को शांत रखने का प्रयास करें। अत्यधिक भावनात्मक प्रतिक्रियाओं से बचें, क्योंकि इससे कुत्ते की चिंता बढ़ सकती है। कुछ कुत्तों के लिए, शांत करने वाले फेरोमोन उत्पाद सहायक हो सकते हैं। गंभीर मामलों में, पशु चिकित्सक दवा के विकल्पों पर चर्चा कर सकते हैं।
यदि आपके कुत्ते की चिंता में सुधार नहीं होता है, तो पेशेवर मदद लेना आवश्यक है। भारत में, डॉ. अमृत श्रीधर हिरण्य जैसे पशु व्यवहार विशेषज्ञ या शरीन धबड़ जैसे अनुभवी प्रशिक्षक व्यवहार संशोधन तकनीकों और व्यक्तिगत योजनाओं के साथ सहायता कर सकते हैं। मिथाली साल्वी जैसी प्रशिक्षक भी चिंता और भय से पीड़ित कुत्तों के पुनर्वास में विशेषज्ञता रखती हैं। यह समझना महत्वपूर्ण है कि प्रत्येक कुत्ता अद्वितीय है और उसकी ज़रूरतों के अनुसार एक व्यक्तिगत दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है। याद रखें, धैर्य और निरंतरता महत्वपूर्ण हैं। अपने कुत्ते के साथ एक मजबूत बंधन बनाना और उसकी भावनात्मक ज़रूरतों को समझना, अलगाव की चिंता को दूर करने की दिशा में पहला कदम है।