Google द्वारा शुरू किए गए और Livity द्वारा संचालित 'भविष्य की रिपोर्ट' (Future Report) के तहत किए गए एक हालिया अध्ययन ने यूरोपीय युवाओं के बीच कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) उपकरणों के उपयोग में उल्लेखनीय भागीदारी का खुलासा किया है। 7000 से अधिक किशोरों पर किए गए इस सर्वेक्षण से यह तथ्य सामने आया कि 40 प्रतिशत उत्तरदाता रोज़ाना या लगभग रोज़ाना AI का उपयोग करते हैं। उन्होंने सीखने की प्रक्रिया में तेजी लाने और जानकारी तक तुरंत पहुँच को इसके मुख्य लाभों के रूप में रेखांकित किया। यह आँकड़ा स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि युवा पीढ़ी कितनी तेज़ी से इस नई तकनीक को अपने शैक्षिक और व्यक्तिगत जीवन का हिस्सा बना रही है।
हालांकि, स्व-विकास के प्रति यह प्रबल उत्साह संस्थागत प्रतिरोध का सामना कर रहा है। सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार, 28 प्रतिशत प्रतिभागियों ने यह संकेत दिया कि उनके शिक्षण संस्थानों ने आधिकारिक तौर पर AI पर आधारित किसी भी उपकरण को मंजूरी नहीं दी है। विद्यार्थियों की निजी पहल और शिक्षा की औपचारिक संरचना के बीच यह बड़ा अंतर जिम्मेदार शैक्षणिक रणनीतियों को विकसित करने और AI के एकीकरण के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश प्रदान करने की तत्काल आवश्यकता को उजागर करता है। शिक्षा प्रणालियों को इस तकनीकी क्रांति के साथ तालमेल बिठाने के लिए अपनी नीतियों में बदलाव लाना होगा।
डिजिटल स्वच्छता और ऑनलाइन सुरक्षा के मामलों में, 32% किशोरों के लिए माता-पिता सूचना का सबसे विश्वसनीय और आधिकारिक स्रोत बने हुए हैं। यह विश्वास, हालांकि, उम्र बढ़ने के साथ स्वाभाविक रूप से कम होता जाता है, जो इस बात पर जोर देता है कि प्रौद्योगिकी के साथ जागरूक रूप से जुड़ने के लिए डिजिटल साक्षरता कौशल को जल्दी विकसित करना कितना महत्वपूर्ण है। जैसे-जैसे युवा स्वायत्त होते जाते हैं, उन्हें ऑनलाइन खतरों से निपटने और सुरक्षित रूप से डिजिटल दुनिया का उपयोग करने के लिए सशक्त बनाना आवश्यक हो जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर, शिक्षा के क्षेत्र में AI की अपार क्षमता को व्यापक रूप से मान्यता मिल रही है। मई 2025 में, यूरोप की परिषद ने वैज्ञानिक क्षेत्र में AI को लागू करने के लिए एक समावेशी, नैतिक और मानव-केंद्रित रणनीति विकसित करने का आह्वान किया। इसके अतिरिक्त, यूनेस्को (UNESCO) ने अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2025 को कृत्रिम बुद्धिमत्ता के विषय को समर्पित किया, जिसमें शिक्षकों और छात्रों के प्रशिक्षण में निवेश करने का आग्रह किया गया। यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्रे अज़ोले (Audrey Azoulay) ने स्पष्ट किया कि AI को सीखने के मानवीय और सामाजिक पहलुओं का पूरक होना चाहिए, न कि उनका प्रतिस्थापन। उन्होंने शैक्षिक प्रक्रिया में शामिल लोगों की स्वायत्तता और कल्याण को सर्वोपरि रखने की बात कही।
इन महत्वपूर्ण वैश्विक चर्चाओं की पृष्ठभूमि में, यूरोप में अगस्त 2025 से सामान्य-उद्देश्य वाले मॉडलों के लिए पारदर्शिता के नए दायित्व लागू किए जा रहे हैं। यह नियामक कदम तकनीकी प्रगति को सीखने के मूलभूत मूल्यों के साथ सामंजस्य बिठाने की सार्वजनिक मांग को दर्शाता है। शैक्षणिक संस्थानों को अब अपनी भूमिका पर पुनर्विचार करना होगा, ताकि शैक्षिक ढाँचे एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करें, जो युवाओं को AI की ऊर्जा को रचनात्मक और सकारात्मक दिशा में मोड़ने में सहायता कर सकें। यह समय की माँग है कि शिक्षा प्रणाली इस बड़े तकनीकी बदलाव को सकारात्मक रूप से स्वीकार करे और छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करे।