यूक्रेन की संसद ने 31 जुलाई, 2025 को राष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (NABU) और विशेष भ्रष्टाचार निरोधक अभियोजक कार्यालय (SAPO) की स्वतंत्रता को बहाल करने के लिए मतदान किया। यह कदम उस विवादास्पद कानून को पलटने के लिए उठाया गया, जिसने इन एजेंसियों को अभियोजक जनरल के नियंत्रण में रखा था। इस निर्णय के बाद, राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेन्स्की ने संसद से इस विधेयक को शीघ्र अनुमोदित करने का आग्रह किया।
इस विधायी परिवर्तन के बाद, NABU और SAPO की स्वतंत्रता को फिर से सुनिश्चित किया गया, जिससे इन एजेंसियों को भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी जांच और अभियोजन कार्यों में स्वतंत्रता मिली। यह कदम यूक्रेन की यूरोपीय संघ की सदस्यता की आकांक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि EU ने स्वतंत्र भ्रष्टाचार विरोधी संस्थाओं को आवश्यक बताया है।
हालांकि, SAPO के प्रमुख ने चेतावनी दी है कि राजनीतिक दबाव जारी रह सकता है, विशेषकर जब ये एजेंसियां वर्तमान और पूर्व सांसदों, साथ ही राष्ट्रपति ज़ेलेन्स्की के करीबी अधिकारियों की जांच कर रही हैं।
इस घटनाक्रम के बाद, यूरोपीय आयोग ने यूक्रेन की सरकार से इस विधायी परिवर्तन के प्रभावों पर चर्चा की और सुनिश्चित किया कि भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसियों की स्वतंत्रता बनी रहे।
यह विकास यूक्रेन में लोकतांत्रिक संस्थाओं की मजबूती और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।