उत्तर कोरिया की नेता किम जोंग उन की बहन किम यो जोंग ने हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका से आग्रह किया है कि वह उत्तर कोरिया को एक स्थायी परमाणु शक्ति के रूप में स्वीकार करे।
किम यो जोंग ने कहा कि यदि अमेरिका उत्तर कोरिया की परमाणु स्थिति को स्वीकार करने में विफल रहता है, तो भविष्य की वार्ता केवल अमेरिकी पक्ष की आशा बनी रहेगी।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किम जोंग उन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच व्यक्तिगत संबंध अच्छे हैं, लेकिन यदि इन संबंधों का उपयोग उत्तर कोरिया के परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए किया जाता है, तो इसे व्यर्थ समझा जाएगा।
किम यो जोंग की यह टिप्पणी उत्तर कोरिया की बढ़ती परमाणु क्षमताओं और बदलते भू-राजनीतिक परिप्रेक्ष्य को दर्शाती है।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका और दक्षिण कोरिया के संयुक्त सैन्य अभ्यास की योजना बनाई जा रही है, जिसे उत्तर कोरिया उकसावे के रूप में देखता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि किम यो जोंग की मांग एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जिसमें उत्तर कोरिया एक वैध परमाणु शक्ति के रूप में अपनी मान्यता चाहता है, जो वर्तमान अमेरिकी और अंतर्राष्ट्रीय नीति में बदलाव की आवश्यकता को दर्शाता है।