जर्मनी और जॉर्डन ने गाजा पट्टी में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए एक हवाई पुल शुरू किया है, जो गंभीर मानवीय स्थिति को संबोधित करने का एक प्रयास है।
चांसलर फ्रेडरिक मेर्ज़ ने गाजा में नागरिकों की पीड़ा को कम करने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया।
इस पहल को फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम के साथ समन्वय में शुरू किया गया है, जिन्होंने भी समर्थन देने की तैयारी दिखाई है।
जर्मन सरकार गाजा में मानवीय स्थितियों को सुधारने के लिए इजरायल पर दबाव बढ़ा रही है।
विदेश मंत्री जोहान वेडफुल ने कहा कि हवाई पुल एक पूरक उपाय है, और सहायता ट्रकों के लिए सुरक्षा गलियारों को खोलना प्राथमिक ध्यान केंद्रित है।
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने वर्तमान प्रयासों को अपर्याप्त बताया है, और संयुक्त राष्ट्र और सहायता संगठनों ने आसन्न अकाल की चेतावनी दी है।
वे आगे पीड़ा को रोकने के लिए मानवीय सहायता के लिए तत्काल और निर्बाध पहुंच का आह्वान कर रहे हैं।
गाजा में संघर्ष 7 अक्टूबर, 2023 को इजरायल पर हमास के हमले के बाद शुरू हुआ।
जर्मन सरकार राजनयिक प्रयासों को जारी रखे हुए है और एक व्यापक युद्धविराम का आह्वान करती है।
इस बीच, भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में गाजा में मानवीय संकट पर चिंता व्यक्त की है और युद्धविराम और समयबद्ध सहायता की मांग की है।
भारत ने फिलिस्तीन के साथ अटूट समर्थन दोहराया है।
गाजा में लगभग 95% अस्पताल या तो क्षतिग्रस्त हो चुके हैं या नष्ट हो चुके हैं।
संयुक्त राष्ट्र की यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य एजेंसी (UNFPA) के अनुसार, भुखमरी और स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में बच्चों का जन्म मुश्किल होता जा रहा है।
इस साल जनवरी से जून तक गाजा में 220 माताओं की मौत प्रसव के दौरान हुई, जो 2022 के मुकाबले 20 गुना ज्यादा है।
राहत संगठनों ने कहा है कि युद्ध तुरंत रोका जाए, सभी सीमा पार रास्ते खोले जाएं और संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में खाद्य सामग्री, दवाइयां और ईंधन बिना रोकटोक लोगों तक पहुंचे।
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय गाजा में विकास की बारीकी से निगरानी कर रहा है और मानवीय संकट को हल करने और संघर्ष का दीर्घकालिक समाधान खोजने के लिए प्रयासों में वृद्धि करने का आग्रह कर रहा है।
भारत ने भी गाजा में जारी मानवीय संकट पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वहां संघर्षविराम जरूरी है और यह भी स्पष्ट किया कि "बीच-बीच में संघर्षविराम" क्षेत्र की जनता के सामने मौजूद चुनौतियों को दूर करने के लिए "पर्याप्त नहीं" हैं।
ऐसे में, सभी देशों को मिलकर काम करने और गाजा के लोगों के लिए शांति और समृद्धि लाने की दिशा में प्रयास करने की आवश्यकता है।