25 जुलाई 2025 को, यूनाइटेड किंगडम और ऑस्ट्रेलिया ने जिलॉन्ग, ऑस्ट्रेलिया में 50 वर्षीय परमाणु पनडुब्बी संधि पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता दोनों देशों के बीच परमाणु पनडुब्बी कार्यक्रमों पर सहयोग बढ़ाने के लिए किया गया है।
ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्ल्स और यूके के रक्षा सचिव जॉन हीली ने इस संधि पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता अगले 25 वर्षों में ब्रिटिश निर्यात में वृद्धि की उम्मीद जताता है।
समझौते के तहत, यूके रॉयल नेवी और ऑस्ट्रेलियाई नौसेना दोनों द्वारा उपयोग की जाने वाली परमाणु-संचालित बहुउद्देशीय पनडुब्बियों का निर्माण किया जाएगा। यह संधि दोनों देशों के बीच एक मजबूत साझेदारी का प्रतीक है, जो साझा मूल्यों और आपसी समृद्धि की आकांक्षाओं पर आधारित है।
भारत भी परमाणु ऊर्जा से चलने वाली दो लड़ाकू पनडुब्बियां बनाने की योजना बना रहा है, जिन्हें 'प्रोजेक्ट 77' नाम दिया गया है। यह कदम भारत की समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने और क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
भारत और यूके के प्रधानमंत्रियों ने 24 जुलाई 2025 को लंदन में अपनी बैठक के दौरान, एक नए "भारत-यूके विजन 2035" का समर्थन किया। यह समझौता दोनों देशों के बीच सहयोग को और गहरा करने और एक समृद्ध, सुरक्षित और टिकाऊ दुनिया को आकार देने की उनकी साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।