फ़्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने 24 जुलाई, 2025 को घोषणा की कि फ़्रांस संयुक्त राष्ट्र महासभा में सितंबर में फ़िलिस्तीनी राज्य को आधिकारिक रूप से मान्यता देगा। यह कदम मध्य पूर्व में न्यायपूर्ण और स्थायी शांति की दिशा में फ़्रांस की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इस निर्णय पर इज़राइल और संयुक्त राज्य अमेरिका ने आलोचना की है। इज़राइली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे "आतंकवाद को इनाम" देने वाला कदम बताया, जबकि अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इसे "लापरवाही भरा फैसला" करार दिया।
वहीं, सऊदी अरब ने इस फैसले का स्वागत करते हुए फ़िलिस्तीनी लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार को रेखांकित किया है।
यह निर्णय फ़्रांस की बढ़ती सामाजिक तनावों के बीच आया है, जहाँ इज़राइल-फ़िलिस्तीनी संघर्ष विरोध और विवादों में परिलक्षित हो रहा है।
यह कदम मध्य पूर्व में स्थायी शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है, हालांकि इसके दीर्घकालिक प्रभावों का मूल्यांकन समय के साथ किया जाएगा।