थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच संघर्ष विराम वार्ता के लिए सहमति बनी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के हस्तक्षेप के बाद दोनों देशों ने शत्रुता को रोकने और बातचीत शुरू करने पर सहमति व्यक्त की, जिससे क्षेत्र में शांति की उम्मीद जगी है।
इस संघर्ष में कम से कम 33 लोगों की जान चली गई और 168,000 से अधिक लोग विस्थापित हो गए। राष्ट्रपति ट्रम्प ने दोनों देशों के नेताओं से बात की और चेतावनी दी कि यदि लड़ाई जारी रही तो अमेरिका व्यापार समझौते रद्द कर सकता है। कंबोडियाई प्रधानमंत्री हुन मानेट ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति ट्रम्प के साथ सशस्त्र झड़पों के मुद्दे पर फोन पर चर्चा की और कंबोडिया तत्काल और बिना शर्त युद्धविराम के लिए तैयार है। थाईलैंड के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उनका देश संघर्षविराम पर बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन कंबोडिया को इसमें ईमानदारी दिखानी होगी।
इस बीच, मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथाम वेचायाचाई को शांति वार्ता के लिए आमंत्रित किया है। कंबोडिया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में जंग को रुकवाने की मांग की है, जबकि थाईलैंड ने कंबोडिया पर सीमावर्ती इलाके में बारूदी सुरंगें बिछाने का आरोप लगाया है। दोनों देशों के बीच तनाव का मुख्य कारण 11वीं सदी के प्रीह विहेयर मंदिर को लेकर पुराना विवाद है। 2008 में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर घोषित किया था, लेकिन थाईलैंड ने इसे पूरी तरह से स्वीकार नहीं किया, जिससे यह इलाका विवाद का केंद्र बना हुआ है।
इन चुनौतियों के बावजूद, यह स्थिति दोनों देशों के लिए अपने दृष्टिकोण को बदलने और एक स्थायी समाधान खोजने का अवसर प्रदान करती है, जो दोनों देशों के लिए फायदेमंद हो।