13 अगस्त, 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने यूरोपीय नेताओं और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ एक महत्वपूर्ण वर्चुअल बैठक की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य यूक्रेन में युद्धविराम की शर्तों पर चर्चा करना था। यह बैठक रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अलास्का में होने वाली आगामी शिखर बैठक से पहले आयोजित की गई थी, जिसका लक्ष्य रूस-यूक्रेन संघर्ष का समाधान खोजना था।
जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मेर्ज़ ने इस चर्चा में यूक्रेन की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया और तत्काल युद्धविराम को शांति वार्ता के पहले कदम के रूप में प्रस्तावित किया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि यूक्रेन क्षेत्रीय मुद्दों पर बातचीत करने के लिए तैयार है, लेकिन रूसी कब्जे की किसी भी कानूनी मान्यता को स्वीकार नहीं करेगा। मेर्ज़ ने "मजबूत सुरक्षा गारंटी" की आवश्यकता पर भी बल दिया और चेतावनी दी कि यदि रूस अलास्का शिखर बैठक में रचनात्मक रूप से शामिल नहीं होता है, तो अमेरिका और यूरोपीय देशों को मॉस्को पर दबाव बढ़ाना चाहिए, क्योंकि पुतिन के साथ पिछली चर्चाएँ अप्रभावी साबित हुई थीं और रूसी सैन्य कार्रवाइयों में वृद्धि हुई थी।
अलास्का के एंकरेज में 15 अगस्त, 2025 को होने वाली ट्रम्प-पुतिन शिखर बैठक का स्थान ऐतिहासिक और रणनीतिक महत्व रखता है। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता पर चिंताएं बनी हुई हैं। यूरोपीय नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी शांति समझौते में यूक्रेन की भागीदारी आवश्यक है और किसी भी क्षेत्रीय रियायत को कीव की सहमति के बिना स्वीकार नहीं किया जाएगा। यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यूक्रेन के बिना उसके भविष्य पर कोई चर्चा नहीं हो सकती। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति ट्रम्प ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वे पुतिन के साथ बैठक के बाद उनसे संपर्क करेंगे और परिणामों पर चर्चा करेंगे। यूरोपीय नेताओं ने ट्रम्प से यूक्रेन और यूरोप के हितों की रक्षा करने का आग्रह किया है। इस बैठक का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि यूक्रेन के भविष्य से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय लेते समय कीव की आवाज़ सुनी जाए।
यह कूटनीतिक प्रयास यूक्रेन संघर्ष के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें यूरोपीय देशों और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच समन्वय पर ज़ोर दिया गया है।