रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के साथ संभावित शांति समझौतों के लिए अपनी शर्तें रखी हैं, जिसमें डोनेट्स्क और लुहान्स्क क्षेत्रों पर यूक्रेन का पूर्ण नियंत्रण छोड़ना शामिल है। पुतिन ने अग्रिम पंक्ति पर सैन्य कार्रवाई रोकने और खेरसॉन और ज़ापोरिज्जिया क्षेत्रों में आक्रामक कार्रवाई बंद करने की इच्छा भी व्यक्त की है। यह प्रस्ताव ऐसे समय में आया है जब अमेरिका और यूरोपीय सहयोगी यूक्रेन के लिए एक स्थायी समाधान खोजने के प्रयास कर रहे हैं। रूस ने 2014 में क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था, जो यूक्रेन के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक और प्रतीकात्मक क्षेत्र है। ज़ापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र, जो यूरोप का सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा संयंत्र है, युद्ध से पहले यूक्रेन की लगभग 20% बिजली का उत्पादन करता था।
हालांकि, पुतिन के इरादों की स्पष्टता अनिश्चित बनी हुई है। यह स्पष्ट नहीं है कि क्या वह किसी भी क्षेत्र को छोड़ने के लिए तैयार होंगे, और क्या वह यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ त्रिपक्षीय बैठक में भाग लेंगे, जैसा कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने प्रस्तावित किया है। कई अमेरिकी अधिकारी इस बात पर संदेह व्यक्त करते हैं कि पुतिन युद्ध को समाप्त करने के लिए ईमानदारी से प्रयास कर रहे हैं, या क्या वह ऐसी शांति संधि में रुचि रखते हैं जो उनके मूल लक्ष्यों के अनुरूप न हो। यूक्रेनी अधिकारियों ने मीडिया में आ रही उन रिपोर्टों का खंडन किया है जिनमें कथित तौर पर अमेरिका और रूस के बीच यूक्रेनी संघर्ष को लेकर "समझौते" की बात कही गई है। यह स्थिति भू-राजनीतिक जटिलताओं और एक स्थायी शांति प्राप्त करने में आने वाली चुनौतियों को दर्शाती है, जिससे यूक्रेन के लिए एक अनिश्चित भविष्य की ओर इशारा होता है।