यमन की राजधानी सना में एक इजरायली हवाई हमले में हौथी सरकार के प्रधानमंत्री अहमद ग़ालिब अल-रहावी और कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मौत हो गई है। इस घटना ने मध्य पूर्व में संघर्ष को और बढ़ा दिया है। हौथी नेता अब्दुल मलिक अल-हौथी ने इस हमले की निंदा करते हुए इजरायल के खिलाफ ड्रोन और मिसाइल हमलों को जारी रखने और उन्हें बढ़ाने की कसम खाई है।
यह हमला 28 अगस्त, 2025 को हुआ, जिसमें प्रधानमंत्री अल-रहावी के साथ ऊर्जा, विदेश और सूचना मंत्रियों की भी जान चली गई। हौथी सुप्रीम पॉलिटिकल काउंसिल के अध्यक्ष महदी अल-मशहत ने इजरायल को चेतावनी दी है कि उसके लिए "काले दिन" आने वाले हैं और जब तक घेराबंदी समाप्त नहीं हो जाती, तब तक प्रतिरोध जारी रहेगा। उन्होंने विदेशी कंपनियों को इजरायल छोड़ने की सलाह दी है, इससे पहले कि बहुत देर हो जाए।
हौथी नेता अब्दुल मलिक अल-हौथी ने 31 अगस्त, 2025 को एक टेलीविजन भाषण में कहा कि यह हमला उनके संकल्प को कमजोर नहीं करेगा, बल्कि इजरायल के खिलाफ "पवित्र युद्ध" के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को और गहरा करेगा। उन्होंने कहा कि हौथी लोग किसी भी आक्रामकता से कमजोर नहीं होंगे और इजरायली अपराधों या हमलों को विफल करने में भविष्य में और सफलता मिलेगी।
यह घटना हमास और इजरायल के बीच चल रहे व्यापक संघर्ष का हिस्सा है, जो 2023 में शुरू हुआ था। हौथी, ईरान द्वारा समर्थित, फिलिस्तीनी कारण के समर्थन में लाल सागर में समुद्री मार्गों और इजरायल पर अपने हमलों को तेज कर रहे हैं। यह पहली बार है जब इजरायल ने 2023 के बाद से वरिष्ठ हौथी अधिकारियों को निशाना बनाया है। मार्च 2025 से, हौथियों ने इजरायल की ओर 300 से अधिक मिसाइलें और ड्रोन दागे हैं, जिसमें 4 मई, 2025 को तेल अवीव के बेन गुरियन हवाई अड्डे पर एक मिसाइल हमला भी शामिल है, जिसे इजरायली रक्षा प्रणालियों द्वारा रोका नहीं जा सका था।
इजरायल के रक्षा मंत्री ने इस हमले को हौथियों के खिलाफ "एक अभूतपूर्व विनाशकारी प्रहार" बताया है और कहा है कि "यह तो बस शुरुआत है"। उन्होंने यह भी कहा कि हौथी ईरान के "आतंकवादी" शाखा के रूप में काम कर रहे हैं और क्षेत्रीय स्थिरता को खतरे में डाल रहे हैं। इस घटना ने क्षेत्रीय अस्थिरता के बारे में चिंताओं को और बढ़ा दिया है। लक्षित हत्याएं, जैसे कि यह, संघर्ष को बढ़ा सकती हैं और हताशा या क्रोध में विरोधी पक्ष द्वारा अपनी रणनीति को तेज कर सकती हैं। यह देखना बाकी है कि यह घटना आगे चलकर किस तरह के परिणाम लाएगी, लेकिन यह स्पष्ट है कि मध्य पूर्व में तनाव बढ़ रहा है।