वियतनाम के राष्ट्रीय क्रेडिट सूचना केंद्र (CIC) पर एक बड़े साइबर हमले की सूचना मिली है, जिससे लाखों नागरिकों के संवेदनशील व्यक्तिगत और वित्तीय डेटा तक अनधिकृत पहुंच और चोरी का खतरा पैदा हो गया है। यह हमला, जिसके लिए ShinyHunters नामक हैकर समूह ने जिम्मेदारी का दावा किया है, देश के वित्तीय बुनियादी ढांचे की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करता है। यह घटना 10 सितंबर, 2025 को सामने आई, जब वियतनाम साइबर आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र (VNCERT) ने साइबर अपराध के संकेतों का पता लगाया, जिसका उद्देश्य व्यक्तिगत डेटा चुराना था। ShinyHunters समूह का दावा है कि उन्होंने 160 मिलियन से अधिक रिकॉर्ड्स निकाले हैं, जिनमें अत्यंत संवेदनशील जानकारी शामिल है।
यह घटना वियतनाम में बढ़ते साइबर खतरों को रेखांकित करती है, जहां वित्तीय क्षेत्र विशेष रूप से लक्षित है। वियतनाम साइबर सुरक्षा रिपोर्ट के अनुसार, देश में कुल साइबर हमलों का 71% वित्तीय क्षेत्र को निशाना बनाता है। CIC, जो वियतनाम के स्टेट बैंक द्वारा प्रबंधित है, नागरिकों की क्रेडिट जानकारी एकत्र करने, संसाधित करने, संग्रहीत करने और विश्लेषण करने के लिए जिम्मेदार है। इस तरह के डेटा उल्लंघन से पहचान की चोरी, वित्तीय धोखाधड़ी और व्यक्तिगत प्रतिष्ठा को नुकसान हो सकता है।
ShinyHunters समूह, जो 2020 से सक्रिय है, पहले भी Microsoft, Google और Qantas जैसी बड़ी वैश्विक कंपनियों को निशाना बना चुका है। उनके हमलों में अक्सर डेटा की चोरी और फिरौती की मांग शामिल होती है, या डेटा को डार्क वेब पर बेच दिया जाता है। इस घटना ने वियतनाम में साइबर सुरक्षा उपायों की पर्याप्तता पर चिंता जताई है। हालिया रिपोर्टों से पता चलता है कि वियतनाम में डेटा लीक में तेजी से वृद्धि हुई है, जिसमें 14.5 मिलियन लीक हुए खातों ने वैश्विक कुल का 12% हिस्सा बनाया है।
देश के साइबर सुरक्षा मानकों को मजबूत करने के प्रयास जारी हैं, जिसमें TCVN 14423:2025 जैसे राष्ट्रीय मानकों का विकास शामिल है, जो महत्वपूर्ण सूचना प्रणालियों के लिए सुरक्षा दिशानिर्देश प्रदान करते हैं। हालांकि, यह घटना दर्शाती है कि इन मानकों के कार्यान्वयन और प्रवर्तन में अभी भी सुधार की आवश्यकता है। अधिकारियों ने जोर दिया है कि लीक हुए डेटा से संबंधित उल्लंघनों को कानून के अनुसार निपटाया जाएगा और नेटवर्क सुरक्षा मानकों के सक्रिय कार्यान्वयन की सिफारिश की गई है। यह घटना न केवल व्यक्तिगत नागरिकों के लिए एक गंभीर खतरा है, बल्कि राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रणाली में विश्वास को भी कमजोर करती है। इस तरह के हमलों से निपटने के लिए सरकारों, वित्तीय संस्थानों और प्रौद्योगिकी प्रदाताओं के बीच निरंतर सतर्कता और सहयोग आवश्यक है।