9 अगस्त, 2025 को, रूस के कुरील द्वीपों के पास 6.4 तीव्रता का एक शक्तिशाली भूकंप आया। यह घटना इस क्षेत्र में हाल ही में हुई कई महत्वपूर्ण भूकंपीय गतिविधियों का हिस्सा है, जो प्रशांत महासागर के इस भूगर्भीय रूप से सक्रिय क्षेत्र की निरंतर अस्थिरता को उजागर करती है। यह भूकंप 10 किमी की गहराई पर आया, जिसका केंद्र 50.19° उत्तर अक्षांश और 159.14° पूर्व देशांतर पर स्थित था। यह हालिया भूकंप 3 अगस्त, 2025 को कुरील द्वीपों में आए 6.8 तीव्रता के भूकंप के बाद आया है, जिसने उस समय सुनामी की चेतावनी जारी करवाई थी। इससे भी पहले, 30 जुलाई, 2025 को, रूस के कामचटका प्रायद्वीप में 8.8 तीव्रता का एक विशाल भूकंप आया था, जो हाल के इतिहास की सबसे शक्तिशाली घटनाओं में से एक था।
कुरील द्वीप श्रृंखला, जो जापान के होक्काइडो से लेकर रूस के कामचटका प्रायद्वीप तक फैली हुई है, प्रशांत महासागर की 'रिंग ऑफ फायर' का हिस्सा है। यह क्षेत्र अत्यधिक भूकंपीय और ज्वालामुखीय गतिविधि के लिए जाना जाता है। इस श्रृंखला में लगभग 100 ज्वालामुखी हैं, जिनमें से 35 सक्रिय हैं, और यहाँ अक्सर भूकंप और सुनामी आते रहते हैं। 1952 में, इसी क्षेत्र में आए 8.8-9.0 तीव्रता के भूकंप ने Severo-Kurilsk शहर को सुनामी से पूरी तरह नष्ट कर दिया था, जिसके बाद शहर को ऊंचे स्थान पर फिर से बनाया गया था। 30 जुलाई के बड़े भूकंप के बाद, कामचटका प्रायद्वीप पर क्राशेनिनिकोव ज्वालामुखी में लगभग 600 वर्षों के बाद पहली बार विस्फोट हुआ। यह क्षेत्र में पिछले पांच दिनों में दूसरा ज्वालामुखी विस्फोट था, जिसमें क्लीचेवस्कोय ज्वालामुखी भी पिछले सप्ताह के भूकंप के कुछ घंटों के भीतर फट गया था। इन ज्वालामुखीय घटनाओं को हालिया भूकंपीय हलचल से जोड़ा जा रहा है। प्रशांत सुनामी चेतावनी प्रणाली और अन्य भूगर्भीय निगरानी एजेंसियां इस क्षेत्र की भूकंपीय गतिविधि पर कड़ी नजर रख रही हैं। हालांकि 9 अगस्त के भूकंप से किसी तत्काल बड़े नुकसान या हताहतों की रिपोर्ट नहीं है, लेकिन इस क्षेत्र में लगातार हो रही भूकंपीय और ज्वालामुखीय घटनाएं निवासियों और अधिकारियों के लिए निरंतर सतर्कता की आवश्यकता को दर्शाती हैं।