6 जुलाई, 2025 तक, लाल सागर एक महत्वपूर्ण समुद्री गलियारा बना हुआ है जो सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है। यमन का हूती आंदोलन व्यवधान का एक प्रमुख स्रोत रहा है, जिसने नवंबर 2023 से वाणिज्यिक जहाजों पर 100 से अधिक हमले किए हैं।
ओमान द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका और हूतियों के बीच ब्रोकर किए गए युद्धविराम समझौते, जो 6 मई, 2025 से प्रभावी है, ने हमलों में कमी लाई है। हूतियों ने गैर-इजरायली जहाजों पर ध्यान केंद्रित करते हुए हमलों को सीमित करने का वादा किया है।
हूती हमलों ने वैश्विक व्यापार पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है, जिससे शिपिंग मार्गों में बदलाव और आर्थिक परिणाम हुए हैं। यूरोपीय संघ द्वारा ऑपरेशन एस्पाइड्स और अमेरिकी सैन्य कार्रवाइयों सहित अंतर्राष्ट्रीय नौसेना अभियान, खतरों को दूर करने के लिए जारी हैं। सुरक्षा की स्थिति अस्थिर बनी हुई है, और वैश्विक समुद्री समुदाय विकास पर बारीकी से नजर रख रहा है। भारत, जिसका समुद्री व्यापार इतिहास सदियों पुराना है, इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता का समर्थन करता है।