गाजा में मानवीय संकट को दूर करने के लिए इजरायली सेना ने गाजा पट्टी के विशिष्ट क्षेत्रों में स्थानीय समयानुसार सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक दैनिक मानवीय विराम शुरू किया। इस उपाय का उद्देश्य प्रभावित आबादी को आवश्यक सहायता प्रदान करना है। साथ ही, इजरायल ने भोजन और दवा जैसी आवश्यक आपूर्ति के वितरण को सुविधाजनक बनाने के लिए मानवीय काफिलों के लिए सुरक्षित मार्ग स्थापित किए हैं।
संयुक्त राष्ट्र ने बढ़ती मानवीय स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। विशेषज्ञों का कहना है कि गाजा में अकाल का खतरा मंडरा रहा है, जिसका कारण इजरायल की चल रही नाकाबंदी और सैन्य कार्रवाई है। इजरायल ने गाजा में मानवीय सहायता गिराना फिर से शुरू कर दिया है, और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है।
गाजा में भूख और कुपोषण के कारण कई लोग मारे जा चुके हैं। युद्ध, बंद सीमाओं और आवश्यक वस्तुओं की कमी के कारण लाखों लोगों पर भुखमरी का खतरा मंडरा रहा है। गाजा में संकट केवल भोजन की कमी नहीं है, बल्कि पीने के पानी की कमी भी है। इजरायल ने दक्षिणी गाजा में जल अलवणीकरण संयंत्र में बिजली काट दी, जिससे 600,000 लोगों के लिए स्वच्छ पानी की पहुंच सीमित हो गई।
संयुक्त राष्ट्र की मानवीय सहायता एजेंसी 'ओसीएचए' के मुताबिक, गाजा के लगभग 88 फीसदी हिस्से को खाली करने का आदेश दे दिया गया है या उन्हें सैन्य क्षेत्र घोषित कर दिया गया है। मानवीय विराम संघर्ष के कारणों पर विचार करने और स्थायी शांति लाने वाले समाधानों की तलाश करने का एक मौका है। यह एकता और दूसरे के भाग्य के लिए सह-जिम्मेदारी की भावना को मजबूत करने का भी एक अवसर है। गाजा में संकट पूरी मानवता के लिए एक चुनौती है, जिसके लिए एकजुटता और ठोस कार्रवाई की आवश्यकता है।
मानवीय संगठन जरूरतमंदों को सहायता प्रदान करने में सक्षम होने के लिए वित्तीय सहायता की अपील कर रहे हैं। प्रत्येक सहायता, यहां तक कि सबसे छोटी भी मायने रखती है और जीवन बचा सकती है। यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि सबसे कठिन क्षणों में भी, व्यक्तिगत और सामाजिक दोनों स्तरों पर विकास और परिवर्तन की क्षमता मौजूद होती है।