मोज़ाम्बिक के काबो डेलगाडो प्रांत में जुलाई 2025 के अंतिम सप्ताह में विद्रोही हमलों की एक नई लहर ने बड़े पैमाने पर लोगों को विस्थापित कर दिया है। 20 से 28 जुलाई के बीच हुए इन हमलों के कारण 46,000 से अधिक लोग, जिनमें ज़्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं, अपने घरों को छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं। यह स्थिति क्षेत्र में पहले से ही गंभीर मानवीय संकट को और गहरा कर रही है। चिउरे जिले में स्थिति विशेष रूप से चिंताजनक है, जहाँ अकेले 42,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं, जिनमें आधे से अधिक बच्चे हैं। ये विस्थापित परिवार चिउरे सेडे जैसे क्षेत्रों में शरण ले रहे हैं, जहाँ की स्थितियाँ दयनीय हैं। भीड़भाड़ वाले शिविरों और बुनियादी सेवाओं की कमी के कारण यहाँ जीवन अत्यंत कठिन है।
जुलाई के अंतिम सप्ताह में चिउरे में शुरू हुए हमलों की एक हालिया लहर के कारण जमीनी संगठनों के अनुसार 57,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। यह हिंसा अक्टूबर 2017 से जारी इस्लामी राज्य से जुड़े विद्रोह का एक हिस्सा है। सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक एंड अफ्रीकन स्टडीज (ACSS) के अनुसार, 2024 में उत्तरी मोज़ाम्बिक में इस्लामी चरमपंथी समूहों के हमलों में कम से कम 349 लोगों की मौत हुई, जो पिछले वर्ष की तुलना में 36% की वृद्धि दर्शाता है। इस बढ़ती हुई हिंसा के लिए 352 मिलियन डॉलर की आवश्यकता है, लेकिन अब तक केवल 19% (66 मिलियन डॉलर) ही प्राप्त हुआ है, जिसके कारण सहायता एजेंसियां अपनी प्रतिक्रिया के लक्ष्यों को 70% से अधिक कम करने पर मजबूर हो गई हैं। अफ्रीकी संघ (AU) ने स्थिति का आकलन करने के लिए एक तकनीकी दल भेजा है, जो सुरक्षा और मानवीय स्थितियों का मूल्यांकन कर रहा है। मोज़ाम्बिक के रक्षा मंत्री ने चिंता व्यक्त की है और कहा है कि रक्षा बल सशस्त्र विद्रोहियों का पीछा कर रहे हैं। यह संकट पूरे दक्षिणी अफ्रीका क्षेत्र और अफ्रीकी महाद्वीप के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है, जिससे तत्काल और निरंतर अंतरराष्ट्रीय समर्थन की आवश्यकता है।