यूरोपीय संघ की अमेरिकी शुल्कों पर जवाबी कार्रवाई: भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव का विश्लेषण

द्वारा संपादित: Татьяна Гуринович

यूरोपीय संघ (ईयू) ने अमेरिकी उत्पादों पर 25% शुल्क लगाने की योजना की घोषणा की है, जो 15 जुलाई 2025 से प्रभावी होगा। यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा यूरोपीय स्टील और एल्युमिनियम पर 25% शुल्क लगाने के जवाब में उठाया गया है।

भारत, जो अमेरिका का प्रमुख व्यापारिक साझेदार है, इस विकास पर बारीकी से नजर रख रहा है। भारतीय निर्यातकों को चिंता है कि ईयू की जवाबी कार्रवाई से उनके यूरोपीय बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती है, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां भारतीय उत्पादों की मांग पहले से ही मजबूत है।

हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इस स्थिति का भारत के लिए अवसर भी हो सकता है। उदाहरण के लिए, यदि अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क बढ़ता है, तो भारतीय उत्पादों की मांग बढ़ सकती है, जिससे निर्यातकों को लाभ हो सकता है।

भारत सरकार इस मुद्दे पर सक्रिय रूप से चर्चा कर रही है और दोनों पक्षों के साथ बातचीत में शामिल है ताकि भारतीय हितों की रक्षा की जा सके और व्यापार युद्ध से बचा जा सके।

विशेषज्ञों का सुझाव है कि भारत को अपनी अर्थव्यवस्था को और अधिक विविधीकृत करने और नए व्यापारिक साझेदारों की तलाश करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह के तनावों के प्रभाव को कम किया जा सके।

स्रोतों

  • Reuters

  • EU to ramp up retaliation plans as US tariff deal prospects dim

  • Trade: Council adopts a regulation to protect the EU from third-country economic coercion

  • Foreign Affairs Council (Trade) - Consilium

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