दोहा, कतर में 18 अगस्त, 2025 को एम23 विद्रोहियों और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (डीआरसी) की सरकार के बीच एक महत्वपूर्ण शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने की समय सीमा चूक गई। वार्ता विफल होने के कारण पूर्वी डीआर कांगो में संघर्ष और नागरिक हताहतों की संख्या में वृद्धि हुई है, जिससे क्षेत्र की स्थिरता पर गंभीर चिंताएं बढ़ गई हैं।
एम23 समूह ने कांगो की सेना द्वारा पिछले समझौतों के उल्लंघन का हवाला देते हुए हस्ताक्षर समारोह में भाग नहीं लिया। समूह का कहना है कि कैदियों की रिहाई सहित पिछले समझौतों का पूर्ण कार्यान्वयन आगे की बातचीत के लिए एक पूर्व शर्त है। इसके विपरीत, कांगो सरकार का मानना है कि कैदियों की रिहाई एक बातचीत का विषय है, न कि कोई पूर्व शर्त। इस गतिरोध ने दोनों पक्षों के बीच विश्वास की कमी को उजागर किया है, जो कतर द्वारा मध्यस्थता की जा रही वार्ताओं के लिए एक बड़ी बाधा है।
पूर्वी डीआर कांगो में स्थिति गंभीर बनी हुई है। हाल के हफ्तों में, एम23 ने कई क्षेत्रों में हमले तेज कर दिए हैं। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, 9 से 21 जुलाई, 2025 के बीच एम23 विद्रोहियों ने कम से कम 319 नागरिकों की हत्या की, जिनमें बच्चे भी शामिल थे। अगस्त 2025 के मध्य तक, पूर्वी डीआर कांगो में 80,000 से अधिक लोग विस्थापित हो चुके थे और लगभग 50 नागरिक मारे गए थे, जैसा कि संयुक्त राष्ट्र ने बताया है। इसके अतिरिक्त, अन्य सशस्त्र समूह भी नागरिकों को आतंकित कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, अगस्त 2025 की शुरुआत में, अलाइड डेमोक्रेटिक फोर्सेज (एडीएफ) ने इटुरी प्रांत में कम से कम 40 उपासकों की हत्या कर दी थी।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क ने नागरिकों के खिलाफ सभी हमलों को तुरंत बंद करने और जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने का आह्वान किया है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र शामिल हैं, ने शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए कतर के प्रयासों का समर्थन किया है। बेल्जियम के विदेश मंत्री मैक्सिम प्रीवोट ने भी अफ्रीकी देशों की अधिक भागीदारी का आह्वान किया है, यह कहते हुए कि केवल अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता पर्याप्त नहीं होगी। यह स्थिति पूर्वी डीआर कांगो में स्थायी शांति प्राप्त करने की चुनौतियों को रेखांकित करती है।