नासा और लॉकहीड मार्टिन ने 12 जनवरी 2024 को कैलिफ़ोर्निया के पाल्मडेल स्थित लॉकहीड मार्टिन के स्कंक वर्क्स सुविधा में X-59 'क्वाइट सुपरसोनिक' विमान का औपचारिक अनावरण किया। यह विमान नासा के क्यूएसएसटी मिशन का केंद्र है, जिसका उद्देश्य भूमि पर सुपरसोनिक उड़ानों के दौरान उत्पन्न होने वाले तेज़ ध्वनि बूम को कम करना है।
X-59 की डिज़ाइन में एक लंबी, संकुचित नाक शामिल है, जो सुपरसोनिक गति से उड़ान भरते समय उत्पन्न होने वाले शॉक वेव्स को तोड़ने में मदद करती है, जिससे एक शांत 'थम्प' उत्पन्न होता है। इसके अतिरिक्त, विमान में एक अनोखा बाहरी दृश्य प्रणाली (XVS) है, जिसमें उच्च-रिज़ॉल्यूशन कैमरे शामिल हैं जो कॉकपिट में 4K मॉनिटर पर पायलट को सामने का दृश्य प्रदान करते हैं।
वर्तमान में, नासा और लॉकहीड मार्टिन X-59 के लिए एकीकृत सिस्टम परीक्षण, इंजन रन और टैक्सी परीक्षण की तैयारी कर रहे हैं। आगामी परीक्षणों के सफल होने के बाद, नासा आबादी वाले क्षेत्रों में उड़ान परीक्षण अभियान शुरू करने की योजना बना रहा है, जिससे यह डेटा एकत्र किया जा सके कि जमीन पर शांत सोनिक 'थम्प' को कैसे माना जाता है।
यह परियोजना नासा और लॉकहीड मार्टिन के बीच सहयोगात्मक प्रयास का प्रतिनिधित्व करती है, जिसका उद्देश्य भूमि पर सुपरसोनिक उड़ान की चुनौतियों को दूर करना है। संभावित प्रभाव में तेजी से हवाई यात्रा शामिल है, जिससे नागरिक परिवहन और आपातकालीन प्रतिक्रिया को लाभ होगा।
भारत के लिए, X-59 परियोजना से प्राप्त तकनीकें भविष्य के विमान डिजाइन को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे कम शोर वाले विमानों का विकास हो सकता है। यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत अपने हवाई अड्डों और हवाई यातायात बुनियादी ढांचे का विस्तार कर रहा है। इसके अतिरिक्त, X-59 से प्राप्त डेटा का उपयोग भारत में विमानन नियमों को सूचित करने के लिए किया जा सकता है, जिससे सुपरसोनिक उड़ान को अधिक सुलभ और पर्यावरण के अनुकूल बनाया जा सकता है।
संक्षेप में, X-59 न केवल एक तकनीकी उपलब्धि है, बल्कि यह सुपरसोनिक यात्रा के भविष्य के लिए एक मार्ग भी प्रशस्त करता है, जिसमें भारत एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।