नासा का ट्रेसर्स मिशन, जिसका पूरा नाम टैंडेम रिकनेक्शन एंड कस्प इलेक्ट्रोडायनामिक्स रिकॉनिअसेंस सैटेलाइट्स है, 22 जुलाई, 2025 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया। यह मिशन चुंबकीय पुन: संयोजन की घटनाओं का अध्ययन करेगा, जो सूर्य की सौर हवा और पृथ्वी के मैग्नेटोस्फीयर के संपर्क में आने पर होती हैं।
ट्रेसर्स मिशन में दो समान उपग्रह शामिल हैं, जो पृथ्वी के ध्रुवीय क्षेत्रों से होकर गुजरेंगे और चुंबकीय पुन: संयोजन की घटनाओं का निरीक्षण करेंगे। यह अध्ययन पृथ्वी के वायुमंडल में सौर ऊर्जा के प्रवेश पर विस्तृत डेटा प्रदान करेगा।
मिलेनियम स्पेस सिस्टम्स (बोइंग कंपनी) ने अंतरिक्ष यान का निर्माण और परीक्षण किया है। आयोवा विश्वविद्यालय के डॉ. डेविड माइल्स प्रमुख अन्वेषक के रूप में काम कर रहे हैं, जिसमें साउथवेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
यह मिशन अंतरिक्ष मौसम के पूर्वानुमान में क्रांति लाने की क्षमता रखता है, जो उपग्रहों, जीपीएस सिस्टम और बिजली ग्रिड की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, जिसमें डेटा और ज्ञान का आदान-प्रदान शामिल है, प्रगति करने और वैश्विक बुनियादी ढांचे की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।