MicroCarb उपग्रह: वैश्विक CO₂ निगरानी में एक महत्वपूर्ण कदम

द्वारा संपादित: Tetiana Martynovska 17

फ्रांसीसी अंतरिक्ष एजेंसी CNES और ब्रिटिश अंतरिक्ष एजेंसी UKSA के सहयोग से विकसित माइक्रोकार्ब उपग्रह का उद्देश्य पृथ्वी के वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) के स्रोतों और सिंकों का वैश्विक स्तर पर मानचित्रण करना है। यह मिशन जलवायु परिवर्तन की समझ और शमन प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

माइक्रोकार्ब उपग्रह को 25 जुलाई 2025 को फ्रेंच गुयाना के कोरू से वेगा सी रॉकेट के माध्यम से सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया। यह उपग्रह 650 किलोमीटर की ऊंचाई पर सूर्य-समकालिक कक्षा में स्थापित है और इसका मिशन जीवनकाल पांच वर्ष निर्धारित है।

उपग्रह में एक फैलाव स्पेक्ट्रोमीटर उपकरण है, जो पृथ्वी से परावर्तित सूर्य के प्रकाश का विश्लेषण करके वायुमंडलीय CO₂ सांद्रता को उच्च परिशुद्धता के साथ मापता है। यह उपकरण CO₂ उत्सर्जन और अवशोषण की निगरानी में सहायता करेगा, जिससे जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को समझने और कम करने में मदद मिलेगी।

माइक्रोकार्ब मिशन को यूरोपीय संघ और यूके स्पेस एजेंसी का समर्थन प्राप्त है। यह मिशन यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के कोपरनिकस CO₂ मॉनिटरिंग (CO₂M) मिशन के तहत तीसरे उपग्रह के निर्माण में भी योगदान देगा, जिससे CO₂ उत्सर्जन की निगरानी के लिए यूरोप की क्षमता में वृद्धि होगी।

माइक्रोकार्ब उपग्रह का सफल लॉन्च वैश्विक CO₂ उत्सर्जन की निगरानी में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को समझने और कम करने में सहायता करेगा।

स्रोतों

  • European Space Agency (ESA)

  • Arianespace to launch CO3D and MicroCarb satellites on July 25, 2025, with Vega C

  • Why the MicroCarb satellite launch matters for global greenhouse gas monitoring

  • MicroCarb | CNES

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