अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण सहयोग के तहत, जापान की अंतरिक्ष एजेंसी JAXA, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के 'रैम्स' (Ramses) मिशन में अपना बहुमूल्य योगदान देने के लिए तैयार है। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य 2029 में पृथ्वी के अत्यंत निकट से गुजरने वाले क्षुद्रग्रह अपोफिस (Apophis) का गहन अध्ययन करना है। सितंबर 2025 में, JAXA ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए जापान सरकार से वित्तीय सहायता का औपचारिक अनुरोध प्रस्तुत किया है। इस सहयोग के माध्यम से, जापान 2028 में 'रैम्स' मिशन के प्रक्षेपण के लिए अपने शक्तिशाली H3 रॉकेट की सेवाएँ प्रदान करेगा।
अपोफिस, जिसे 19 जून 2004 को पहली बार खोजा गया था, एक ऐसा खगोलीय पिंड है जिसने वैज्ञानिकों का ध्यान विशेष रूप से आकर्षित किया है। लगभग 335-375 मीटर (1,100 फीट) व्यास वाला यह क्षुद्रग्रह 13 अप्रैल 2029 को पृथ्वी की सतह से मात्र 32,000 किलोमीटर की दूरी से गुजरेगा। यह दूरी भू-स्थिर उपग्रहों की कक्षा से भी कम है, और खगोलविदों के लिए यह एक अभूतपूर्व अवसर है। जब अपोफिस की खोज हुई थी, तब इसके 2029, 2036 या 2068 में पृथ्वी से टकराने की थोड़ी संभावना जताई गई थी, जिसके कारण इसका नाम मिस्र के अराजकता के देवता 'अपोफिस' पर रखा गया था। हालांकि, बाद के अवलोकनों ने अगले 100 वर्षों तक किसी भी टकराव की संभावना को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। फिर भी, इस निकटतम गुजरान के दौरान पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल अपोफिस की कक्षा और संरचना में महत्वपूर्ण परिवर्तन ला सकते हैं, जिससे इसके आंतरिक ढांचे और संरचना का अध्ययन करने का एक अनूठा अवसर मिलेगा।
'रैम्स' मिशन का लक्ष्य अपोफिस के इस ऐतिहासिक गुजरान के दौरान उसका अध्ययन करना है। इस मिशन के लिए एक विशेष H3 रॉकेट का उपयोग किया जाएगा, जो जापान का अगली पीढ़ी का भारी-भरकम प्रक्षेपण यान है और H-IIA रॉकेट का उत्तराधिकारी है। JAXA न केवल प्रक्षेपण यान प्रदान करेगा, बल्कि मिशन के लिए इन्फ्रारेड सेंसर और सौर पैनल जैसे महत्वपूर्ण घटक भी उपलब्ध कराएगा। संभवतः, JAXA अपने DESTINY+ अंतरिक्ष यान को भी 2028 में 'रैम्स' मिशन के साथ ही प्रक्षेपित करने पर विचार कर रहा है।
इस मिशन के तहत, अपोफिस की सतह का विस्तृत अध्ययन करने के लिए दो क्यूबसैट (छोटे उपग्रह) भी तैनात किए जाएंगे। इनमें से एक हाइब्रिड क्यूबसैट होगा जिसमें एक विश्लेषक और निम्न-आवृत्ति रडार शामिल होगा, जो अपोफिस की आंतरिक संरचना का पता लगाएगा। दूसरा क्यूबसैट, स्पेनिश कंपनी Emxys द्वारा विकसित किया गया है, जो क्षुद्रग्रह की सतह पर उतरने के लिए एक प्रोब के रूप में कार्य करेगा। यह सहयोग न केवल वैज्ञानिक ज्ञान को आगे बढ़ाने का एक अवसर है, बल्कि यह पृथ्वी की सुरक्षा के लिए क्षुद्रग्रहों से जुड़े संभावित खतरों से निपटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।
JAXA के उपाध्यक्ष मासाकी फुजिमोटो ने इस भागीदारी को "मानवता की ओर से" समर्थन बताया है, जो अंतरिक्ष अन्वेषण में बढ़ते अंतरराष्ट्रीय सहयोग और साझा जिम्मेदारी को दर्शाता है। ऐसे अध्ययन हमें ब्रह्मांड की जटिलताओं को समझने और भविष्य में संभावित खतरों के लिए तैयार रहने में मदद करते हैं। 'रैम्स' मिशन के पूर्ण वित्तपोषण का निर्णय नवंबर 2025 में होने वाली ESA मंत्रियों की बैठक में लिया जाएगा। यह मिशन 2028 में प्रक्षेपित होगा ताकि यह 2029 में अपोफिस के पृथ्वी के निकटतम गुजरान से पहले वहां पहुंच सके। यह संयुक्त प्रयास अंतरिक्ष अन्वेषण और ग्रह रक्षा के क्षेत्र में वैश्विक सहयोग के बढ़ते महत्व को रेखांकित करता है, जो हमारे ग्रह की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है। यह सहयोग दर्शाता है कि कैसे विभिन्न राष्ट्र मिलकर उन चुनौतियों का सामना कर सकते हैं जो मानवता के सामूहिक भविष्य को प्रभावित करती हैं।