चीन की निजी एयरोस्पेस कंपनी i-Space ने अपने पुन: प्रयोज्य रॉकेट, शिंगजी गुईहांग (Xingji Guihang) का अनावरण किया है। यह रॉकेट अपने पहले चरण को समुद्र में उतारने और पुनः प्राप्त करने की क्षमता रखता है, जिससे चीन अमेरिका के बाद इस उन्नत तकनीक में महारत हासिल करने वाला दूसरा देश बन गया है। यह विकास चीन की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं में एक महत्वपूर्ण कदम है और व्यावसायिक अंतरिक्ष दौड़ में अमेरिका को कड़ी चुनौती देता है। शिंगजी गुईहांग एक समुद्री मंच के रूप में कार्य करता है, जिसकी लंबाई लगभग 100 मीटर और चौड़ाई 42 मीटर है। इसके रिकवरी डेक का आकार 40 बाय 60 मीटर है, जो उतरते हुए रॉकेट बूस्टर को सुरक्षित रूप से संभालने के लिए पर्याप्त है। इस पोत में एक डी.पी.2 (DP2) क्लास का डायनामिक पोजिशनिंग सिस्टम भी लगा है, जो रॉकेट की वापसी के पथ के साथ सटीक समन्वय सुनिश्चित करता है, यहाँ तक कि उबड़-खाबड़ समुद्री परिस्थितियों में भी। यह तकनीक स्पेसएक्स (SpaceX) के ड्रोन जहाजों के समान है, जो रॉकेटों की सफल लैंडिंग और पुनः प्राप्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। i-Space की योजना इस शिंगजी गुईहांग मंच का उपयोग एसक्यूएक्स-3 (SQX-3) रॉकेट के पहले चरण को पुनः प्राप्त करने के लिए करना है, जिसका प्रक्षेपण 2025 के अंत में निर्धारित है। यह रॉकेट परीक्षणों के लिए सर्दियों में हेनान प्रांत पहुंचेगा।
पुन: प्रयोज्य रॉकेटों के लिए समुद्री प्लेटफार्मों का उपयोग वैज्ञानिक उपकरणों, जैसे कि दूरबीन, अंतरग्रहीय जांच और खगोल विज्ञान व अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए छोटे उपग्रहों के नियमित प्रक्षेपण की लागत को काफी कम करने के लिए महत्वपूर्ण है। प्रत्येक पुनः प्राप्त चरण प्रक्षेपणों की एक श्रृंखला की लागत को कम करता है और मिशनों की समय पर डिलीवरी, नए उपकरणों के परीक्षण और कक्षीय वेधशालाओं के तेजी से अद्यतन की अनुमति देता है। स्पेसएक्स (SpaceX) के फाल्कन 9 (Falcon 9) रॉकेट के साथ पुन: प्रयोज्यता ने प्रति प्रक्षेपण लागत को काफी कम कर दिया है, जिससे अंतरिक्ष तक पहुंच अधिक किफायती हो गई है। अनुमान है कि फाल्कन 9 के बूस्टर को पुनः उपयोग करने से प्रति प्रक्षेपण लागत में 70% तक की कमी आ सकती है। इसके अतिरिक्त, चीन का कक्षीय स्टेशन 'तियांगोंग' (Tiangong) एक मॉड्यूलर प्रयोगशाला के रूप में कार्य करना जारी रखेगा, जहाँ अंतरिक्ष यात्री माइक्रोग्रैविटी में दर्जनों प्रयोग करते हैं। हाल ही में, शेनझोउ-18 (Shenzhou-18) दल ने तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन पर छह महीने के प्रवास के दौरान सामग्री विज्ञान, जीवन विज्ञान, चिकित्सा और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में लगभग 90 प्रयोग और परीक्षण किए। इन प्रयोगों से प्राप्त नमूनों का विश्लेषण अब पृथ्वी पर किया जा रहा है। यह पुन: प्रयोज्य रॉकेट तकनीक और अंतरिक्ष स्टेशन पर चल रहे शोध चीन की अंतरिक्ष क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।