अमेज़ॅन का प्रोजेक्ट कुइपर (Project Kuiper) वैश्विक ब्रॉडबैंड कवरेज स्थापित करने के अपने मिशन में लगातार प्रगति कर रहा है। कंपनी 25 सितंबर, 2025 को KA-03 मिशन के तहत 27 सैटेलाइट को लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में लॉन्च करने की तैयारी कर रही है। यह लॉन्च यूनाइटेड लॉन्च अलायंस (ULA) के एटलस V 551 रॉकेट का उपयोग करके फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से किया जाएगा।
यह मिशन 28 अप्रैल, 2025 को KA-01 और 23 जून, 2025 को KA-02 मिशन सहित पिछली सफल लॉन्चिंग की श्रृंखला का हिस्सा है। इन मिशनों के माध्यम से अब तक कुल 102 सैटेलाइट लॉन्च किए जा चुके हैं, जो दुनिया भर के उन क्षेत्रों में तेज और विश्वसनीय इंटरनेट पहुंचाने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं जहां कनेक्टिविटी की कमी है। प्रोजेक्ट कुइपर का लक्ष्य 2026 तक वैश्विक कवरेज हासिल करने के लिए 3,200 से अधिक सैटेलाइट तैनात करना है।
फेडरल कम्युनिकेशंस कमीशन (FCC) ने अमेज़ॅन को जुलाई 2026 तक अपने नियोजित नक्षत्र का आधा हिस्सा लॉन्च करने का आदेश दिया है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए, अमेज़ॅन ने फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर में अपनी सैटेलाइट संचालन क्षमताओं को बढ़ाने के लिए अगस्त 2024 में 19.5 मिलियन डॉलर का निवेश किया है, जिससे उस साइट पर कुल निवेश लगभग 140 मिलियन डॉलर हो गया है। यह सुविधा एक साथ तीन लॉन्च अभियानों का समर्थन कर सकती है और प्रति माह 100 से अधिक सैटेलाइट को प्रोसेस करने में सक्षम है।
यह सैटेलाइट इंटरनेट बाजार में एक महत्वपूर्ण कदम है, जहां अमेज़ॅन स्पेसएक्स के स्टारलिंक (Starlink) जैसे अन्य प्रमुख खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहा है। स्टारलिंक ने 2020 से ही बाजार में अपनी मजबूत पकड़ बना ली है, लेकिन कुइपर की विशाल संसाधन क्षमता और लॉजिस्टिक्स विशेषज्ञता इसे एक मजबूत प्रतिस्पर्धी बनाती है। अमेज़ॅन का लक्ष्य 2026 के मध्य तक अपनी सेवाओं को शुरू करना है, जो उन अरबों लोगों तक इंटरनेट पहुंचाएगा जो वर्तमान में डिजिटल दुनिया से कटे हुए हैं।
भारत जैसे देशों में, जहां ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की पहुंच अभी भी सीमित है, कुइपर तकनीक एक महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है। ULA का एटलस V 551 रॉकेट, जो 2.5 मिलियन पाउंड से अधिक थ्रस्ट उत्पन्न करता है, इस मिशन के लिए एक शक्तिशाली मंच प्रदान करता है। यह रॉकेट अपनी विश्वसनीयता और विभिन्न मिशनों को सफलतापूर्वक लॉन्च करने के इतिहास के लिए जाना जाता है, जिसमें नासा के न्यू होराइजन्स और ज्यूनो मिशन शामिल हैं। प्रोजेक्ट कुइपर का यह लॉन्च न केवल अमेज़ॅन के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, बल्कि यह वैश्विक कनेक्टिविटी के भविष्य को आकार देने में भी एक बड़ी भूमिका निभाएगा।