भारत में ऊर्जा भंडारण प्रणालियों का विकास नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
हाल के वर्षों में, भारत ने बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणालियों (BESS) की स्थापित क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि की है।
2024 में, भारत ने 341 मेगावाट-घंटा (MWh) की बैटरी ऊर्जा भंडारण क्षमता स्थापित की, जो 2023 की तुलना में छह गुना अधिक है।
इससे देश की कुल स्थापित बैटरी ऊर्जा भंडारण क्षमता 442 MWh तक पहुंच गई है।
इन प्रणालियों का उद्देश्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों, जैसे सौर और पवन, की अस्थिरता को संतुलित करना और ग्रिड की स्थिरता सुनिश्चित करना है।
भारत सरकार ने ऊर्जा भंडारण प्रणालियों के विकास को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणालियों के लिए व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण (VGF) योजना शामिल है।
इस योजना का उद्देश्य 2030-31 तक 4,000 मेगावाट की बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणालियों की स्थापना को प्रोत्साहित करना है।
इसके अतिरिक्त, भारत ने 2025 की पहली छमाही में 5.4 गीगावाट सह-स्थित सौर प्लस बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणालियां और 2.2 गीगावाट स्टैंडअलोन बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणालियां प्रदान की हैं।
इन पहलों का उद्देश्य ऊर्जा मिश्रण में नवीकरणीय ऊर्जा के एकीकरण का समर्थन करना और एक लचीला और टिकाऊ ऊर्जा भविष्य सुनिश्चित करना है।
भारत की ऊर्जा रणनीति का उद्देश्य नवीकरणीय ऊर्जा और जीवाश्म ईंधन दोनों को मजबूत करना है ताकि बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके।
इन पहलों का उद्देश्य ऊर्जा मिश्रण में नवीकरणीय ऊर्जा के एकीकरण का समर्थन करना और एक लचीला और टिकाऊ ऊर्जा भविष्य सुनिश्चित करना है।