बारबाडोस में सरगासम समुद्री शैवाल से बायो-सीएनजी (संपीड़ित प्राकृतिक गैस) उत्पन्न करने की प्रक्रिया में स्थानीय वैज्ञानिकों ने सफलता प्राप्त की है। इस प्रक्रिया में सरगासम समुद्री शैवाल, रम डिस्टिलरी से निकलने वाला अपशिष्ट जल और ब्लैकबेली भेड़ के कचरे का उपयोग किया जाता है। इन सामग्रियों को मिलाकर बायो-सीएनजी उत्पन्न किया जाता है, जो वाहनों के ईंधन के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
इस पहल का उद्देश्य समुद्री शैवाल के आक्रमण के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करना और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत प्रदान करना है। यह परियोजना बारबाडोस के 2030 तक 100 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा और कार्बन-न्यूट्रल राज्य बनने के लक्ष्य के साथ मेल खाती है।
इस परियोजना में बारबाडोस विश्वविद्यालय के केव हिल कैंपस के वैज्ञानिकों, रम एंड सरगासम इंक. और सुपरनोवा लैब ऑफ फ्यूचर बारबाडोस ने सहयोग किया है। इस पहल को कैरेबियन सेंटर फॉर रिन्यूएबल एनर्जी एंड एनर्जी एफिशिएंसी (CCREEE) का भी समर्थन प्राप्त है।
इस पहल से न केवल पर्यावरणीय लाभ होगा, बल्कि यह स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए भी नए अवसर उत्पन्न कर सकता है। बायो-सीएनजी उत्पादन से नए रोजगार सृजित हो सकते हैं और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम हो सकती है। यह पहल अन्य कैरेबियाई देशों के लिए एक मॉडल के रूप में काम कर सकती है जो सरगासम की समस्या से जूझ रहे हैं।
सरकार ने इस परियोजना का समर्थन किया है और इसे देश के सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा है। बायो-सीएनजी के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई प्रोत्साहन भी शुरू किए हैं, जैसे कि बायो-सीएनजी वाहनों पर कर छूट और बायो-सीएनजी स्टेशनों के निर्माण के लिए सब्सिडी।
बारबाडोस का यह कदम एक प्रेरणादायक उदाहरण है कि कैसे नवाचार और सतत विकास एक साथ चल सकते हैं।