संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने जुलाई 2025 में प्रौद्योगिकी कंपनियों से आग्रह किया कि वे अपने डेटा केंद्रों को 2030 तक 100% नवीकरणीय ऊर्जा से संचालित करें। उन्होंने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एक भाषण में कहा कि भविष्य की तकनीकी बुनियादी ढांचे को स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों जैसे सौर और पवन से संचालित किया जाना चाहिए, न कि जीवाश्म ईंधन से।
भारत ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है। वित्त वर्ष 2024-25 में, देश ने 29.52 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता जोड़ी, जिसमें से 24 गीगावाट सौर ऊर्जा और 4.15 गीगावाट पवन ऊर्जा शामिल हैं। इस वृद्धि के साथ, भारत की कुल नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 220.10 गीगावाट तक पहुँच गई है, जिसमें सौर ऊर्जा 106 गीगावाट और पवन ऊर्जा 50 गीगावाट शामिल हैं।
भारत ने 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, सरकार ने विभिन्न पहल की हैं, जैसे रूफटॉप सोलर योजना, जिसके तहत घरों में सोलर पैनल लगाने के लिए सब्सिडी प्रदान की जाती है।
हालांकि, भारत को अपनी बिजली उत्पादन में कोयले पर निर्भरता कम करने की आवश्यकता है। रिस्टैड एनर्जी की नवीकरणीय ऊर्जा विशेषज्ञ सुषमा जगन्नाथ ने बताया कि भारत को बिजली ग्रिड को आधुनिक बनाना होगा और ऊर्जा भंडारण की क्षमता को बढ़ाना होगा ताकि अक्षय ऊर्जा को बेहतर तरीके से संभाला जा सके।
भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में यह प्रगति जलवायु लक्ष्यों और ऊर्जा सुरक्षा के प्रति देश की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।