एम्स्टर्डम का 'एक्टिएफ स्लिम लाडेन' ट्रायल: इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग दक्षता और ग्रिड स्थिरता को बढ़ावा

द्वारा संपादित: Tetiana Pin

एम्स्टर्डम में 27 मार्च, 2025 को 'एक्टिएफ स्लिम लाडेन' (एक्टिव स्मार्ट चार्जिंग) नामक एक अग्रणी पायलट कार्यक्रम शुरू हुआ है। यह छह महीने की पहल, जो अब नवंबर 2025 तक बढ़ा दी गई है, ANWB, Equans, Deftpower और एम्स्टर्डम नगर पालिका के बीच एक महत्वपूर्ण सहयोग है। इसका मुख्य उद्देश्य यह पता लगाना है कि इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चालक, अपने चार्जिंग समय को गतिशील बिजली आपूर्ति के साथ सिंक्रनाइज़ करके, बिजली ग्रिड पर पड़ने वाले दबाव को कैसे कम कर सकते हैं। यह पहल न केवल व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं के लिए लाभ प्रदान करती है, बल्कि शहर के ऊर्जा बुनियादी ढांचे को अधिक टिकाऊ और कुशल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम भी है, जो ऊर्जा संक्रमण के इस महत्वपूर्ण दौर में ग्रिड की स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।

इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले ईवी चालक ANWB ऐप के माध्यम से अपने वाहन को कब तक चार्ज करने की आवश्यकता है, यह निर्दिष्ट करते हैं। इसके बाद, एक परिष्कृत स्मार्ट सॉफ्टवेयर, जो वास्तविक समय के डेटा का उपयोग करता है, चार्जिंग प्रक्रिया को अनुकूलित करता है। यह विशेष रूप से उन समयों पर चार्जिंग को प्राथमिकता देता है जब बिजली की मांग कम होती है और सौर और पवन ऊर्जा जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होते हैं। इस 'स्मार्ट चार्जिंग' दृष्टिकोण से उपयोगकर्ताओं को सीधे लाभ होता है। औसतन, लचीले चार्जिंग में भाग लेने वाले ड्राइवरों को प्रति चार्जिंग सत्र लगभग €0.82 का 'कैशबैक' या वित्तीय प्रोत्साहन मिलता है, जो उनके कुल चार्जिंग खर्चों में लगभग 7.5% की बचत के बराबर है। यह इनाम चार्जिंग के समय और उपयोगकर्ता द्वारा प्रदान की गई लचीलेपन की डिग्री पर निर्भर करता है, जिससे यह एक पारदर्शी और पुरस्कृत अनुभव बनता है।

यह स्मार्ट चार्जिंग विधि बिजली ग्रिड के लिए भी अत्यंत लाभकारी है। चार्जिंग सत्रों को ऑफ-पीक घंटों में स्थानांतरित करके, शहर के बिजली ग्रिड पर पीक आवर्स के दौरान पड़ने वाला भार काफी कम हो जाता है। एक 'एक्टिएफ स्लिम लाडेन' सत्र, गैर-स्मार्ट चार्जिंग सत्रों की तुलना में, पीक समय के दौरान बिजली की मांग में औसतन 70% से अधिक की कमी लाता है। यह ग्रिड को अधिक स्थिर और टिकाऊ बनाने में योगदान देता है, जिससे अप्रत्याशित बिजली कटौती या ओवरलोडिंग का जोखिम कम होता है। इसके अतिरिक्त, यह पहल नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के उपयोग को बढ़ावा देती है, क्योंकि चार्जिंग को उन अवधियों के साथ संरेखित किया जाता है जब सौर और पवन ऊर्जा की उपलब्धता अधिक होती है। यह ग्रिड की स्थिरता को बढ़ाने और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो एक स्वच्छ ऊर्जा भविष्य की ओर एक आवश्यक कदम है।

इस पायलट कार्यक्रम के सकारात्मक परिणामों को देखते हुए, इसकी अवधि को नवंबर 2025 के अंत तक बढ़ा दिया गया है और इसका विस्तार भी किया गया है। प्रौद्योगिकी को और बेहतर बनाने के प्रयास जारी हैं ताकि स्मार्ट चार्जिंग को इलेक्ट्रिक वाहनों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए सक्षम बनाया जा सके। एम्स्टर्डम का अंतिम लक्ष्य स्मार्ट चार्जिंग को एक सामान्य प्रथा बनाना है, जिससे शहर की ऊर्जा आपूर्ति को अधिक टिकाऊ और कुशल बनाने में मदद मिलेगी। यह पहल यूरोपीय शहरों में एक बढ़ती हुई प्रवृत्ति को दर्शाती है, जहां ग्रिड प्रबंधन और नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण के लिए मांग-पक्ष लचीलेपन को ईवी चार्जिंग बुनियादी ढांचे में एकीकृत किया जा रहा है। स्मार्ट चार्जिंग न केवल ग्रिड की भीड़भाड़ को कम करती है, बल्कि शहरी विकास के लिए भी नई संभावनाएं खोल सकती है, क्योंकि ग्रिड की बढ़ी हुई क्षमता अधिक निर्माण परियोजनाओं को मंजूरी देने में मदद कर सकती है। यह दृष्टिकोण व्यक्तिगत जिम्मेदारी को सामूहिक प्रगति के साथ जोड़ता है, जो एक अधिक सामंजस्यपूर्ण और कुशल ऊर्जा पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण की ओर एक सचेत कदम है।

स्रोतों

  • Blik op nieuws

  • ANWB

  • ANWB

  • Gemeente Amsterdam

  • Equans

  • Nationale Agenda Laadinfrastructuur

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