Google ने अपने Gemini AI ऐप में महत्वपूर्ण अपडेट जारी किए हैं, जो उपयोगकर्ताओं को अधिक व्यक्तिगत अनुभव प्रदान करने के साथ-साथ उनकी गोपनीयता की सुरक्षा पर भी ध्यान केंद्रित करते हैं। 13 अगस्त, 2025 को जारी किए गए इन अपडेट्स में, Gemini अब पिछली बातचीत का संदर्भ लेकर अधिक प्रासंगिक और अनुकूलित प्रतिक्रियाएँ दे सकेगा। इसके साथ ही, 'Temporary Chat' नामक एक नई सुविधा पेश की गई है, जो उपयोगकर्ताओं को ऐसी बातचीत करने की अनुमति देती है जो सहेजी नहीं जाती और व्यक्तिगतकरण के लिए उपयोग नहीं की जाती।
ये बदलाव AI विकास में एक महत्वपूर्ण मोड़ को दर्शाते हैं, जहाँ उपयोगकर्ता डेटा का उपयोग करके AI को बेहतर बनाना और साथ ही उपयोगकर्ता के विश्वास को बनाए रखना एक प्रमुख चुनौती है। यूरोपीय संघ के GDPR जैसे नियमों के बढ़ते दबाव के बीच, Google ने उपयोगकर्ताओं को अपने डेटा पर अधिक नियंत्रण प्रदान करने के लिए 'Keep Activity' नामक एक नया सेटिंग विकल्प पेश किया है। यह उपयोगकर्ताओं को यह चुनने की सुविधा देता है कि उनकी बातचीत का नमूना Google की सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए उपयोग किया जाए या नहीं। यदि उपयोगकर्ता इस सुविधा को बंद कर देते हैं या 'Temporary Chat' का उपयोग करते हैं, तो उनकी बातचीत का उपयोग व्यक्तिगतकरण के लिए नहीं किया जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि AI द्वारा व्यक्तिगतकरण से उपयोगकर्ता का विश्वास बढ़ता है, लेकिन साथ ही गोपनीयता संबंधी चिंताएँ भी उत्पन्न होती हैं। Google का यह कदम इन चिंताओं को दूर करने और AI के उपयोग में पारदर्शिता और नियंत्रण को बढ़ावा देने का एक प्रयास है। 'Temporary Chat' सुविधा विशेष रूप से उन उपयोगकर्ताओं के लिए उपयोगी है जो संवेदनशील विषयों पर चर्चा करना चाहते हैं या बिना किसी निशान छोड़े विचारों का आदान-प्रदान करना चाहते हैं। यह सुविधा 72 घंटों के बाद Gemini के डेटाबेस से स्वतः हट जाती है। Gemini के ये अपडेट न केवल व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं के लिए बल्कि Google Workspace के माध्यम से व्यवसायों के लिए भी प्रासंगिक हैं। Google Workspace में Gemini का एकीकरण व्यवसायों को ईमेल, दस्तावेज़ और मीटिंग्स में AI सहायता प्रदान करके उत्पादकता बढ़ाने में मदद करता है। यह अपडेट AI के भविष्य में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो व्यक्तिगतकरण और गोपनीयता के बीच संतुलन बनाने की दिशा में एक सचेत प्रयास को दर्शाता है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि ये सुविधाएँ उपयोगकर्ताओं के विश्वास को कैसे प्रभावित करती हैं और AI के विकास को कैसे आकार देती हैं।