कैल्शियम और विटामिन डी हड्डियों को मजबूत और स्वस्थ रखने के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्व हैं। कैल्शियम हड्डियों की संरचना का निर्माण और रखरखाव करता है, जबकि विटामिन डी शरीर में कैल्शियम के अवशोषण में सहायता करता है। ये दोनों पोषक तत्व मांसपेशियों और तंत्रिका कार्यों के लिए भी आवश्यक हैं।
कैल्शियम के प्रमुख स्रोतों में पनीर, बादाम, फोर्टिफाइड सोया दूध और शकरकंद शामिल हैं। भारत में, दूध, पनीर और दही जैसे डेयरी उत्पाद कैल्शियम के अच्छे स्रोत हैं। इसके अतिरिक्त, रागी (बाजरा) और तिल भी कैल्शियम से भरपूर भारतीय खाद्य पदार्थ हैं। रागी, विशेष रूप से, प्रति 100 ग्राम में 350 मिलीग्राम से अधिक कैल्शियम प्रदान करता है, जो इसे हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए एक शक्तिशाली स्रोत बनाता है। तिल के बीज भी कैल्शियम का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं, खासकर जब भुने हुए या लड्डू के रूप में सेवन किए जाते हैं।
विटामिन डी के उत्कृष्ट स्रोतों में सार्डिन, मशरूम, अंडे, सैल्मन और दही प्रमुख हैं। मशरूम, विशेष रूप से धूप में उगाए गए या धूप में रखे गए, एक उत्कृष्ट शाकाहारी स्रोत हैं। सैल्मन, सार्डिन और मैकेरल जैसी वसायुक्त मछलियाँ विटामिन डी का एक समृद्ध स्रोत हैं। अंडे की जर्दी और फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थ जैसे दूध, संतरे का रस और अनाज भी विटामिन डी के अच्छे स्रोत हैं। भारत में, कई खाद्य पदार्थ, जैसे कि दूध और अनाज, विटामिन डी से फोर्टिफाइड किए जाते हैं, जो सेवन बढ़ाने का एक प्रभावी तरीका है।
इन पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों का नियमित सेवन दैनिक कैल्शियम और विटामिन डी की आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करता है, जिससे हड्डियों के स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों को रोकने में सहायता मिलती है। शरीर में कैल्शियम की कमी होने पर, यह हड्डियों से लिया जाता है, जिससे हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। इसलिए, समग्र स्वास्थ्य के लिए संतुलित आहार के माध्यम से इन पोषक तत्वों की पर्याप्त मात्रा सुनिश्चित करना आवश्यक है।