टर्टल वॉकर: समुद्री कछुओं के संरक्षण की एक अनूठी कहानी

द्वारा संपादित: Anulyazolotko Anulyazolotko

टैरा मेलानी द्वारा निर्देशित वृत्तचित्र 'टर्टल वॉकर' केरल अंतर्राष्ट्रीय वृत्तचित्र और लघु फिल्म महोत्सव (IDSFFK) में अपनी भारतीय प्रीमियर के लिए तैयार है, जो 22 से 27 अगस्त, 2025 तक तिरुवनंतपुरम में आयोजित होगा। यह फिल्म 1970 के दशक में सतीश भास्कर के समुद्री कछुओं को बचाने के अथक प्रयासों पर प्रकाश डालती है। भास्कर ने भारत के तटों पर यात्रा करते हुए समुद्री कछुओं के जीवन और उनके संरक्षण के महत्व को समझने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनकी यात्रा ने न केवल समुद्री कछुओं के बारे में हमारी समझ को गहरा किया, बल्कि संरक्षण के क्षेत्र में एक मिसाल भी कायम की।

'टर्टल वॉकर' को पहले ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल चुकी है। इसे 2025 में एकेडेमिया फिल्म ओलोमौक (Academia Film Olomouc) में सर्वश्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान वृत्तचित्र का पुरस्कार मिला, और इसी वर्ष इसे डॉक्यूटा इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (Docutah International Film Festival) में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का खिताब भी प्राप्त हुआ। ईमाहो फिल्म्स (Emaho Films), एचएचएमआई टैंगल्ड बैंक स्टूडियोज (HHMI Tangled Bank Studios), और टाइगर बेबी फिल्म्स (Tiger Baby Films) द्वारा निर्मित, यह फिल्म समुद्री कछुओं के संरक्षण के लिए किए गए एक महत्वपूर्ण कार्य को दर्शाती है। यह फिल्म न केवल सतीश भास्कर के व्यक्तिगत समर्पण को सलाम करती है, बल्कि यह भी बताती है कि कैसे एक व्यक्ति के अथक प्रयास प्रकृति के संरक्षण में एक बड़ा बदलाव ला सकते हैं। IDSFFK जैसे मंच पर इसका प्रीमियर, भारत में वृत्तचित्र सिनेमा और पर्यावरण संरक्षण के प्रति बढ़ती जागरूकता का प्रतीक है।

सतीश भास्कर का काम भारत के समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के लिए अमूल्य रहा है। 1970 के दशक के अंत में, जब समुद्री कछुओं की आबादी खतरे में थी, भास्कर ने अकेले ही 4,000 किलोमीटर से अधिक भारतीय तटरेखा का सर्वेक्षण किया। उनके द्वारा एकत्र किए गए डेटा और अवलोकन आज भी समुद्री कछुओं के अध्ययन और संरक्षण के लिए एक आधारशिला के रूप में कार्य करते हैं। उन्होंने समुद्री कछुओं के घोंसले बनाने के पैटर्न, अंडों की संख्या और उनके व्यवहार का विस्तृत अध्ययन किया, जिससे भविष्य के संरक्षणवादियों के लिए एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शक तैयार हुआ। उनकी यह यात्रा, जो अक्सर एकांत और प्रतिकूल परिस्थितियों में बीती, प्रकृति के प्रति उनके गहरे प्रेम और समर्पण का प्रमाण है। यह फिल्म दर्शकों को न केवल भास्कर की यात्रा से प्रेरित करती है, बल्कि उन्हें समुद्री जीवन के संरक्षण के महत्व को भी समझाती है।

स्रोतों

  • Devdiscourse

  • Asian Film Festivals

  • Wikipedia: Turtle Walker

क्या आपने कोई गलती या अशुद्धि पाई?

हम जल्द ही आपकी टिप्पणियों पर विचार करेंगे।