लंदन में महात्मा गांधी की एक दुर्लभ तस्वीर की नीलामी युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा और सीख का एक स्रोत है। यह घटना हमें गांधीजी के जीवन और मूल्यों को समझने और उनसे प्रेरणा लेने का अवसर प्रदान करती है। 1931 में क्लेयर लेटन द्वारा चित्रित यह तेल चित्रकला, 15 जुलाई, 2025 को बोनहम्स नीलामी में £152,800 (लगभग $204,800) में बिकी, जो शुरुआती अनुमान से काफी अधिक थी। यह तस्वीर गांधीजी के लंदन में दूसरे गोल मेज सम्मेलन में भाग लेने के दौरान बनाई गई थी। यह चित्र गांधीजी को क्रॉस-लेग्ड बैठे हुए, सफेद वस्त्र में लिपटा हुआ दिखाता है। राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय के अनुसार, गांधीजी ने युवा पीढ़ी को आत्मनिर्भरता और सादगी का पाठ सिखाया, जो आज भी प्रासंगिक है । इस नीलामी से युवा पीढ़ी को गांधीजी के विचारों और आदर्शों को जानने और समझने का अवसर मिलता है। गांधीजी ने हमेशा सत्य, अहिंसा और प्रेम का संदेश दिया। उन्होंने देश की आजादी के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। आज के युवाओं को गांधीजी के जीवन से प्रेरणा लेकर देश और समाज के विकास में योगदान देना चाहिए। गांधीजी के विचारों को अपनाकर युवा पीढ़ी एक बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकती है। इसके अतिरिक्त, खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) युवाओं को गांधीवादी मूल्यों के साथ उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कार्यक्रम चला रहा है । यह नीलामी युवाओं को यह भी सिखाती है कि कला और संस्कृति का महत्व क्या है। यह चित्रकला गांधीजी के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह हमें उनके विचारों और आदर्शों को समझने में मदद करती है। युवा पीढ़ी को कला और संस्कृति के महत्व को समझना चाहिए और इसे संरक्षित करने के लिए प्रयास करना चाहिए। गांधीजी की यह तस्वीर युवा पीढ़ी के लिए एक अनमोल धरोहर है। यह हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेने और उनके आदर्शों को अपनाने का संदेश देती है। इस नीलामी से युवा पीढ़ी को गांधीजी के बारे में जानने और उनसे सीखने का एक सुनहरा अवसर मिला है।
गांधी की दुर्लभ तस्वीर की नीलामी: युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा और सीख
द्वारा संपादित: Inna Horoshkina One
स्रोतों
Artsy
The Independent
Business Standard
India Today
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