अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान, रूसी अकादमी ऑफ साइंसेज के वैज्ञानिकों ने 2 सितंबर, 2025 को पृथ्वी पर शक्तिशाली भू-चुंबकीय तूफानों की भविष्यवाणी की है। यह तूफ़ान सूर्य से निकले प्लाज्मा के पृथ्वी की ओर निर्देशित होने के कारण होंगे, जो M2.76 श्रेणी की सौर ज्वाला का परिणाम है। यह सौर पदार्थ 2 सितंबर को पृथ्वी की कक्षा में पहुंचने की उम्मीद है, जिससे भू-चुंबकीय तूफानों का G2-G4 स्तर (पांच-बिंदु पैमाने पर) उत्पन्न हो सकता है। रूसी संस्थान ने इस बात पर प्रकाश डाला कि बार-बार होने वाले प्लाज्मा उत्सर्जन सबसे बड़ा खतरा पैदा करते हैं, जिन्हें सौर विस्फोटों में ऊर्जा के उच्च भंडार को देखते हुए अत्यधिक संभावित माना जाता है।
सौर चक्र 25, जो दिसंबर 2019 में शुरू हुआ था, अपनी प्रारंभिक भविष्यवाणियों से कहीं अधिक सक्रिय साबित हुआ है। जहाँ पहले यह अनुमान लगाया गया था कि यह चक्र अपेक्षाकृत कमजोर रहेगा, वहीं 2020 से 2022 तक के अवलोकन बताते हैं कि सौर गतिविधि अपेक्षा से कहीं अधिक रही है। यह बढ़ी हुई गतिविधि सौर ज्वालाओं और कोरोनल मास इजेक्शन (CMEs) की आवृत्ति और तीव्रता में वृद्धि का संकेत देती है। ये CME सूर्य के वायुमंडल से प्लाज्मा और आवेशित कणों के विशाल विस्फोट होते हैं जो अंतरिक्ष में फैलते हैं। जब ये पृथ्वी की ओर निर्देशित होते हैं, तो वे भू-चुंबकीय तूफानों को जन्म दे सकते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, M2.76 श्रेणी की सौर ज्वाला, जो इस घटना का कारण बनी है, एक मध्यम-श्रेणी की ज्वाला है। हालांकि X-श्रेणी की ज्वालाएं सबसे शक्तिशाली होती हैं, M-श्रेणी की ज्वालाएं भी पृथ्वी पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती हैं, जैसे कि रेडियो ब्लैकआउट और उपग्रहों के संचालन में बाधा। बार-बार होने वाले प्लाज्मा उत्सर्जन का खतरा विशेष रूप से चिंताजनक है, क्योंकि पिछले उदाहरणों, जैसे कि मई 2024 में देखे गए उच्च-स्तरीय भू-चुंबकीय तूफानों में, यह एक श्रृंखला का हिस्सा था।
भू-चुंबकीय तूफानों के प्रभाव व्यापक हो सकते हैं। G2-G4 स्तर के तूफान बिजली प्रणालियों में वोल्टेज में उतार-चढ़ाव पैदा कर सकते हैं, जिससे ट्रांसफार्मर को नुकसान हो सकता है। उपग्रहों के संचालन में भी समस्याएँ आ सकती हैं, जैसे कि उनकी दिशा बदलने में कठिनाई या सौर पैनलों की दक्षता में कमी। उच्च-आवृत्ति वाले रेडियो संचार बाधित हो सकते हैं, और जीपीएस जैसे नेविगेशन सिस्टम में त्रुटियाँ बढ़ सकती हैं। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये तूफान पृथ्वी की सतह पर मनुष्यों के लिए सीधे तौर पर खतरनाक नहीं हैं, क्योंकि हमारा ग्रह का चुंबकीय क्षेत्र और वायुमंडल हमें इन तूफानों के सबसे बुरे प्रभावों से बचाता है। फिर भी, हमारी आधुनिक तकनीक इन घटनाओं के प्रति संवेदनशील है, और इसलिए समय पर चेतावनी और तैयारी महत्वपूर्ण है।