पृथ्वी वर्तमान में सूर्य पर एक कोरोनल छिद्र से उत्पन्न होने वाली सौर प्लाज्मा स्ट्रीम के प्रभावों का अनुभव कर रही है। यह अंतःक्रिया पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में गड़बड़ी पैदा कर रही है, जिससे भू-चुंबकीय गतिविधि हो रही है।
अंतरिक्ष मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, सौर प्लाज्मा का प्रभाव 17 मई, 2025 को शुरू हुआ, जिससे जी1-श्रेणी का भू-चुंबकीय तूफान आया। हालांकि इसे कमजोर के रूप में वर्गीकृत किया गया है, फिर भी ये तूफान बिजली ग्रिड में मामूली उतार-चढ़ाव पैदा कर सकते हैं और उपग्रह संचालन पर कुछ प्रभाव डाल सकते हैं। अमेरिका के उत्तरी क्षेत्रों जैसे उच्च अक्षांशों पर अरोरा भी दिखाई दे सकता है।
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि पृथ्वी अगले कुछ दिनों तक इस सौर गतिविधि के प्रभाव में रहेगी। उत्तरी क्षेत्रों के निवासियों को संभावित अरोरा देखने के लिए अंतरिक्ष मौसम अपडेट पर नजर रखने की सलाह दी जाती है। यह घटना सूर्य और पृथ्वी के बीच गतिशील संबंध और अंतरिक्ष मौसम की घटनाओं को समझने और भविष्यवाणी करने के महत्व को रेखांकित करती है।