एक अभूतपूर्व विकास में, कोरिया इंस्टीट्यूट ऑफ एनर्जी रिसर्च (KIER) के शोधकर्ताओं ने अमोनिया अपघटन उत्प्रेरक के संश्लेषण के लिए एक नई विधि बनाई है। डॉ. की यंग कू के नेतृत्व में यह नवाचार, हाइड्रोजन उत्पादन में क्रांति लाने का वादा करता है, जो एक अधिक टिकाऊ ऊर्जा भविष्य का मार्ग प्रशस्त करता है।
इस प्रगति का मूल रुथेनियम उत्प्रेरक का उपयोग है, जो काफी कम तापमान पर तेजी से अमोनिया अपघटन को सक्षम बनाता है। यह सफलता पारंपरिक तरीकों से जुड़ी चुनौतियों का समाधान करती है, जो हाइड्रोजन उत्पादन के लिए अधिक लागत प्रभावी और कुशल दृष्टिकोण प्रदान करती है। यह भारत के बढ़ते ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद कर सकता है।
टीम की अभिनव पॉलीओल प्रक्रिया, जो बिना किसी एडिटिव्स के नैनोपार्टिकल एग्रीगेशन को नियंत्रित करती है, जिसके परिणामस्वरूप एक उत्प्रेरक बना जो मौजूदा उत्प्रेरकों से काफी बेहतर प्रदर्शन करता है। यह नया उत्प्रेरक पारंपरिक उत्प्रेरकों की तुलना में तीन गुना अधिक अमोनिया अपघटन प्रदर्शन प्रदर्शित करता है, जो इसकी उत्कृष्ट आर्थिक क्षमता को उजागर करता है और अमोनिया अपघटन उत्प्रेरक प्रौद्योगिकी के स्थानीयकरण और व्यावसायीकरण में योगदान देता है। इससे भारत में 'आत्मनिर्भर भारत' पहल को भी बढ़ावा मिल सकता है।