क्वांटम टनलिंग, वह प्रक्रिया जिसमें कण ऊर्जा अवरोधों को पार करते हैं, हाल के वर्षों में कई महत्वपूर्ण खोजों का केंद्र रही है।
2023 में, ऑस्ट्रिया के इंसब्रुक विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पहली बार रासायनिक प्रतिक्रियाओं में क्वांटम टनलिंग को सीधे देखा। उन्होंने हाइड्रोजन और ड्यूटेरियम आयनों के बीच प्रतिक्रिया में यह प्रभाव देखा, जो पहले केवल सैद्धांतिक था।
2025 में, दक्षिण कोरिया के पोस्टेक विश्वविद्यालय और जर्मनी के मैक्स प्लैंक संस्थान के वैज्ञानिकों ने एक नई खोज की। उन्होंने पाया कि इलेक्ट्रॉन टनलिंग के दौरान परमाणु नाभिक से टकराते हैं, जिससे ऊर्जा का अतिरिक्त उत्सर्जन होता है। यह खोज क्वांटम यांत्रिकी की समझ को नया दृष्टिकोण प्रदान करती है।
इसके अलावा, 2023 में इलिनॉय विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने नैनोवायरों में मैक्रोस्कोपिक क्वांटम टनलिंग का प्रमाण प्रस्तुत किया। उन्होंने दिखाया कि सुपरकंडक्टिंग इलेक्ट्रॉनों का एक समूह एक साथ टनलिंग कर सकता है, जो क्वांटम यांत्रिकी के बड़े पैमाने पर प्रभाव को दर्शाता है।
इन खोजों से यह स्पष्ट होता है कि क्वांटम टनलिंग न केवल सूक्ष्म कणों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह रासायनिक प्रतिक्रियाओं, परमाणु संरचनाओं और यहां तक कि अंधेरे पदार्थ के अध्ययन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।