3 जून, 2025 को, फर्मीलैब में म्यूऑन g-2 प्रयोग ने अपने अंतिम परिणाम की घोषणा की, जो कण भौतिकी में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है। प्रयोग ने अभूतपूर्व सटीकता के साथ, म्यूऑन के चुंबकीय आघूर्ण को सटीक रूप से मापा, जो एक अस्थिर प्राथमिक कण है। **म्यूऑन का चुंबकीय आघूर्ण** म्यूऑन, इलेक्ट्रॉन के समान होते हैं, लेकिन भारी होते हैं, चुंबकीय क्षेत्रों के साथ संपर्क करते हैं, और उनका चुंबकीय आघूर्ण मानक मॉडल द्वारा वर्णित मूलभूत बलों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होता है। वर्षों से, प्रायोगिक डेटा और सैद्धांतिक गणना के बीच एक विसंगति मौजूद थी, जो भौतिकविदों की समझ को चुनौती देती थी। **मानक मॉडल के लिए एक विजय** नवीनतम निष्कर्ष, प्रति बिलियन 127 भागों की सटीकता के साथ, मानक मॉडल की भविष्यवाणियों के अनुरूप हैं। यह समझौता उस मॉडल को मान्य करता है, जो ब्रह्मांड में मूलभूत बलों और कणों का वर्णन करता है। यह सफलता मानक मॉडल में विश्वास को मजबूत करती है और इसके परे भौतिकी की खोज के लिए नए रास्ते खोलती है।
म्यूऑन चुंबकीय आघूर्ण पहेली हल: फर्मीलैब का नवीनतम माप मानक मॉडल को मान्य करता है
द्वारा संपादित: gaya ❤️ one
स्रोतों
IT News zu den Themen Künstliche Intelligenz, Roboter und Maschinelles Lernen - IT BOLTWISE® x Artificial Intelligence
Anomaly no more! "Muon g-2" puzzle resolved at last - Big Think
Muon g-2 announces most precise measurement of the magnetic anomaly of the muon
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