भू-बहुलक कंक्रीट (Geopolymer Concrete) एक पर्यावरण-मित्र और टिकाऊ विकल्प है, जो पारंपरिक पोर्टलैंड सीमेंट कंक्रीट के मुकाबले कई लाभ प्रदान करता है। यह औद्योगिक उपोत्पादों जैसे फ्लाई ऐश और ग्राउंड ग्रेन्युलेटेड ब्लास्ट फर्नेस स्लैग (GGBS) का उपयोग करके तैयार किया जाता है, जिससे कंक्रीट की शक्ति और स्थिरता में वृद्धि होती है।
भू-बहुलक कंक्रीट की विशेषताएँ
उच्च संपीड़न शक्ति: भू-बहुलक कंक्रीट पारंपरिक कंक्रीट की तुलना में अधिक संपीड़न शक्ति प्रदान करता है, जिससे संरचनाओं की स्थिरता बढ़ती है।
कम संकोचन: यह कंक्रीट कम संकोचन दर दिखाता है, जिससे दरारों की संभावना कम होती है और संरचनाओं की दीर्घायु बढ़ती है।
उत्तम अग्नि प्रतिरोधकता: भू-बहुलक कंक्रीट उच्च तापमान पर भी अपनी संरचनात्मक अखंडता बनाए रखता है, जिससे आग प्रतिरोधकता में वृद्धि होती है।
रासायनिक प्रतिरोधकता: यह कंक्रीट एसिड और क्षार जैसे रासायनिक हमलों के प्रति उच्च प्रतिरोधकता दिखाता है, जिससे संरचनाओं की दीर्घायु बढ़ती है।
पर्यावरणीय लाभ: पारंपरिक सीमेंट उत्पादन की तुलना में भू-बहुलक कंक्रीट उत्पादन में CO₂ उत्सर्जन में कमी आती है, जिससे यह पर्यावरण के लिए लाभदायक है।
भू-बहुलक कंक्रीट के अनुप्रयोग
बुनियादी ढांचा परियोजनाएँ: पुल, सुरंगें और राजमार्ग जैसे बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में इसकी उच्च शक्ति और स्थिरता के कारण इसका उपयोग बढ़ रहा है।
औद्योगिक संरचनाएँ: कारखाने और गोदाम जैसी औद्योगिक संरचनाओं में इसकी रासायनिक और अग्नि प्रतिरोधकता के कारण इसका उपयोग उपयुक्त है।
समुद्री और तटीय संरचनाएँ: समुद्री संरचनाओं जैसे जेट्टी और सीवॉल में इसकी उच्च रासायनिक प्रतिरोधकता के कारण इसका उपयोग बढ़ रहा है।
भू-बहुलक कंक्रीट की विशेषताएँ और अनुप्रयोग इसे आधुनिक निर्माण उद्योग में एक महत्वपूर्ण और पर्यावरण-मित्र विकल्प बनाते हैं।