बीटावोल्ट, एक चीनी कंपनी ने एक लघु परमाणु बैटरी, BV100 पेश की है, जो छोटे उपकरणों के लिए बिजली स्रोतों को बदल सकती है। इस अभिनव बैटरी का उद्देश्य बिना चार्जिंग या रखरखाव की आवश्यकता के 50 वर्षों तक लगातार बिजली प्रदान करना है। एक छोटे सिक्के के आकार की, बैटरी निकल-63 आइसोटोप के क्षय से ऊर्जा का उपयोग करती है। इस क्षय ऊर्जा को सेमीकंडक्टर कन्वर्टर्स का उपयोग करके बिजली में परिवर्तित किया जाता है। बीटावोल्ट के वैज्ञानिकों ने एक अद्वितीय 10-माइक्रोन मोटी सिंगल-क्रिस्टल डायमंड सेमीकंडक्टर बनाया है, जिसमें 2-माइक्रोन मोटी निकल-63 शीट को इन कन्वर्टर्स के बीच रखकर क्षय ऊर्जा को विद्युत प्रवाह में बदल दिया जाता है। बीटावोल्ट का दावा है कि उसकी परमाणु बैटरी सुरक्षित है, कोई बाहरी विकिरण नहीं निकलती है, जिससे यह पेसमेकर और कृत्रिम हृदय जैसे चिकित्सा उपयोगों के लिए उपयुक्त है। इसका मॉड्यूलर डिज़ाइन कई इकाइयों को मिलाकर विभिन्न आकारों और क्षमताओं की बैटरी बनाने की अनुमति देता है। यह विकास ऊर्जा भंडारण में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतिनिधित्व करता है, जो उन उद्योगों को संभावित रूप से प्रभावित करता है जिन्हें लंबे समय तक चलने वाली, कम रखरखाव वाली बिजली की आवश्यकता होती है।
बीटावोल्ट की 50 वर्षीय परमाणु बैटरी: लघु ऊर्जा का एक नया युग
द्वारा संपादित: Vera Mo
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