प्लेसीबो और नोसेबो प्रभाव यह दर्शाते हैं कि हमारी अपेक्षाएँ दर्द की धारणा को कैसे प्रभावित कर सकती हैं। प्लेसीबो प्रभाव में सकारात्मक अपेक्षाएँ लक्षणों में सुधार ला सकती हैं, जबकि नोसेबो प्रभाव में नकारात्मक अपेक्षाएँ लक्षणों को बढ़ा सकती हैं।
हाल के अध्ययनों से पता चला है कि नकारात्मक अपेक्षाएँ दर्द की धारणा को सकारात्मक अपेक्षाओं की तुलना में अधिक दृढ़ता से और लंबे समय तक प्रभावित करती हैं। उदाहरण के लिए, एक अध्ययन में प्रतिभागियों ने नकारात्मक अपेक्षाओं के कारण दर्द को औसतन 11 अंक बढ़ाया, जबकि सकारात्मक अपेक्षाओं के कारण दर्द में केवल 4 अंक की कमी आई।
यह शोध यह सुझाव देता है कि नकारात्मक अपेक्षाएँ दर्द की धारणा को अधिक प्रभावित करती हैं, और यह चिकित्सकों के लिए महत्वपूर्ण है कि वे रोगियों के साथ संवाद करते समय नकारात्मक अपेक्षाओं को कम करने के लिए सावधान रहें।