मर्डोक चिल्ड्रन्स रिसर्च इंस्टीट्यूट और रेट्रो बायोसाइंसेज के शोधकर्ताओं ने प्रयोगशाला में विकसित रक्त स्टेम कोशिकाओं को बनाने में एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है जो मानव शरीर में पाई जाने वाली कोशिकाओं के समान हैं। इस उन्नति में अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण और रक्त रोगों, जैसे ल्यूकेमिया के उपचार में क्रांति लाने की क्षमता है।
पारंपरिक रक्त स्टेम सेल प्रत्यारोपण में अक्सर दाताओं और प्राप्तकर्ताओं के बीच बेमेल होने के कारण चुनौतियां आती हैं, जिससे प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाएं होती हैं। नई विधि रोगी-विशिष्ट रक्त स्टेम कोशिकाओं के निर्माण की अनुमति देती है, जिससे प्रतिरक्षा अस्वीकृति का खतरा प्रभावी रूप से समाप्त हो जाता है और ग्राफ्ट-बनाम-होस्ट रोग की संभावना कम हो जाती है।
रेट्रो बायोसाइंसेज इस तकनीक को नैदानिक अनुप्रयोग की ओर बढ़ाने के लिए $35 मिलियन का निवेश कर रही है। नैदानिक परीक्षण अगले पांच वर्षों के भीतर शुरू होने की उम्मीद है, जिससे दुनिया भर में रक्त रोगों के उपचार परिदृश्य को बदलने की क्षमता है। यह व्यक्तिगत दृष्टिकोण रक्त स्टेम सेल प्रत्यारोपण की आवश्यकता वाले रोगियों के लिए सुरक्षित और अधिक प्रभावी परिणाम का वादा करता है।